साहित्य चक्र

05 December 2022

कविताः मानव जीवन बहुत अमूल्य है



मेरे प्यारे बच्चों सुनो!
बड़े भाग्य से मानुष तन पाया ,
आओ , इस जीवन को सार्थक कर लें ,
किस उद्देश्य यह जीवन मिला ,
आओ , हम  इसको जाने ,
एक  -  एक पल बड़ा है मूल्यवान ,
रात्रि में सोने से पूर्व, 
अगले दिन की शुरुआत कैसे करें ? 
योजना बना लो!
हर सुबह की पहली किरण के साथ 
ऊर्जा से भरपूर  दिन की शुरुआत करो !
जितना तुम ! तपस्या करोगे !
तुम्हारा भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा !
तुम्हारे हाथों से जन का कल्याण हो!
कुछ मन में ऐसा संकल्प लो!
तुम्हारी दृढ़ इच्छाशक्ति से 
असंभव कार्य भी संभव होगा!
मेरे प्यारे बच्चों!
मानव जीवन बहुत अमूल्य है,
इसके मूल्य को हम सब जानते हैं,
व्यर्थ में समय न गंँवाओ ,
कर्म ही पूजा है ,
आओ ! नैतिक गुणों से युक्त होकर ,
महान पुरुषों के आदर्श पथ पर चलो!
सबके जीवन का कुछ ना कुछ उद्देश होता है ,
तुम्हारे  जीवन का भी! लक्ष्य  है ,
आओ , हम सब मिलकर इस धरा को स्वर्ग से सुंदर बनाएं ,
मानव जीवन बहुत अमूल्य है ,
इसके मूल्य को हमारे भारत देश के 
ऋषि - मुनियों ने बख़ूबी जाना है।
आओ ,  हम सब भी!  जीवन क्यों मिला है?
इस सत्य को जाने, और जीवन को सफल बनाएं।


                    - चेतना प्रकाश चितेरी


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