साहित्य चक्र

26 December 2022

छोटे और मझौले उद्यमी


उद्यमी



भारत की अर्थव्यवस्था का 
जिनके ऊपर है भार
वह हैं छोटे और मझौले उद्यमी 
कभी ना मानें हार

कितनी चुनौतियों को करते पार
कोरोना में तो चौपट हो गया व्यापार
धीरे धीरे फिर भी लगे है संभालने
कमज़ोर हो गया जो उनका आधार

करोड़ों लोगों को दे रहे यह रोजगार
इनके कारण चल रहे कईयों के घर बार
मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है मिलती
हो रही इनकी अनदेखी बार बार

कभी एक्साइज वाले करते हैं तंग
कभी इनकम टैक्स वाले धमकाते हैं
जी एस टी ने निकाल रखी है जान
लूट कर ले जाते हैं जो कमाते हैं

कच्चा माल मिलता नहीं आसानी से
हर सुबह बढ़ जाते हैं उसके दाम
ब्याज भी बहुत ज़्यादा है बैंक ऋण का
कैसे चलेगा देश अगर बंद हो गया इनका काम

हर शहर व कस्बों में हैं हज़ारों छोटे उद्योग
मिल रहा करोड़ों लोगों को रोजगार
बहुत मुश्किल है फिर भी लगे हैं देश सेवा में
रोते पिटते चल रहा है इनका कारोबार

काम इनका बहुत बढ़ेगा
सरकार यदि दे दे इनको थोड़ी सी राहत
रोजगार के अवसर और पैदा होंगे
हौसला मिलेगा थोड़ा जो हुए हैं आहत


                                         - रवींद्र कुमार शर्मा


No comments:

Post a Comment