साहित्य चक्र

18 December 2022

शीर्षक: विजय दिवस




भारत के वीर सपूतों ने हमको
विजय का था वो दिवस दिखाया
पराक्रम औ शौर्य के बूते ही 
था अपने राष्ट्र का मान बढ़ाया 

भयावह था वो युद्ध का मंजर
हमने पाक को सबक सिखाया 
मिली तब भारी विजय भारत को
था पाक ख़ुद पर खूब शरमाया 

आत्मसमर्पण के साथ पाक ने
हार को अपने उर से लगाया
सोलह दिसंबर उन्नीस सौ
 इकहत्तर को हमने
विजय दिवस का बिगुल बजाया

स्वर्णिम विजय दिवस पर सेना ने
तिरंगा ऊंचा शान से लहराया
शौर्य साहस का परिचय दे भारत ने
जीत का सेहरा अपने शीश बंधाया

तब से भारतवासी सहर्ष मनाते
जब भी ये शुभ दिन वर्ष में आया
करने याद सभी शहीद सैनिकों को
गीत देशभक्ति का हर जन ने गाया


                                                 पिंकी सिंघल



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