खुश हूँ मैं, उदास भी हूँ
दूर हूँ तुमसे, लेकिन पास भी हूँ
यादों के झरोखे में संजोया है तुझे
दीवान तू ही तो बनाया है मुझे
आ रही तुम्हारी बहुत ही यादें
कुछ खट्टी मीठी और मधुर बातें
बीताये हुए तेरे संग वो कुछ पल
सोचकर ही दिल में होती है हलचल
वो सुनहरी खुशनुमा मौसम में
बादल छाये थे नीलगगन में
फुहारे बरस रही थी अमृत सी
दिल मे उठी थी ज्वाला सिहरन सी
चहुंओर ओर था एकदम शांत
थे हमदोनों ही अकेले नितांत
भरकर तुझे दिल के आलिंगन में
प्रेम जगाया था एक दूजे के तन मन में
जन्मों जन्मान्तर की मिट गयी थी दूरी
ख़्वाहिशें जो हो गयी हमारी पूरी
हुआ था मन भावविभोर हमारा दिल
चेहरे थी जमीन मे टिकी मन गया खिल
सातों जन्मों का साथ देकर वादा
कुछ दिनों वास्ते हुए थे जुदा
लेकिन अब तुम आ भी जाओ
अपना वचन निभा भी जाओ
प्रेम प्रतिज्ञा को तुम मत तोड़ देना
#चुन्नू कवि नहीं जी पायेंगे तेरे बिना
आ रही आज तुतम्हारी बहुत यादें
आ भी जाओ तुम करना है ढेर सारी बातें
कवि- चुन्नू साहा
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