मेरे पर न काटो,
मुझे उङने का मौका दो
मुझे जीना है खुलकर,
मुझे आसमान को छूने दो
मत मारो जन्म से पहले ही,
क्यों मेरी आवाज़ को दबा रहे,
मुझे आना हैं इस दुनिया में,
मुझे आसमान को छूने दो
क्या गलती है मेरी,
जो हुआ इंसान ऐसा शैतान,
मुझे बोझ मत समझो,
मुझे आसमान को छूने दो
मुझे अबला नारी नहीं बनना,
मुझे भी पढ़ने लिखने दो,
मुझे अफ्सर,कलेक्टर बनने दो,
मुझे आसमान को छूने दो
लेखिका- नेहा प्रजापति
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