साहित्य चक्र

24 December 2022

कविताः स्वतंत्रता का मूल्य


स्वतंत्रता का मूल्य



स्वतंत्रता का मूल्य चुकाना है। 
आज हमें वेद आधारित देश बनाना है।
गुलाम हुई हर सोच को, 
अंधविश्वासों से बाहर लाना है।

स्वतंत्रता का मूल्य चुकाना है।
राम-कृष्ण के आदर्शों का,
गुणगान बढ़ाना है। 

बाबर से अंग्रेजों तक के,
इतिहास से सबक भी पाना है।

फिर न ग़ुलाम होंगे,
भारत माँ को विश्वास दिलाना है। 

बाल, लाल, पाल, बोस, भक्त्त की,
शहादत को अमर बनाना है।

शिवाजी, प्रताप
गोविंद का मानवीय
धर्म बचाना है।

तुम आर्य की संतान हो,
उच्च आदर्शों को पाना है।

मानवता को सही ,
सोच तक ले जाना है। 

ओ३म् मय लक्ष्य पा कर ,
विश्व कीर्तिमान बनाना है।
स्वतंत्रता का मूल्य चुकाना है ।।


                          - प्रीति शर्मा "असीम"

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