साहित्य चक्र

30 December 2022

कविताः राम के सहारे यूँ ही...





राम के सहारे यूँ ही, कट जायेगी
ये, जिंदगी मेरी यूँ ही, सॅंवर जायेगी l
      भक्ति में कुछ तो, असर है रे बन्दे
       शक्ति है जो इसकी, वो पार लगायेगी l

करिश्मा ही तो है ये, तेरा ऐ भगवन 
जो विपदा में गिरने, देता नहीं तू l
         सम्भाला है तूने, खुशियों को मेरी
         बिखरने ना देना तू ,आंधी तूफानों में l

तेरी ही पूजा से, जगमग मेरी दुनियाँ
तेरी ही कृपा से, सॅंवरे मेरी दुनियाँ l
           तू है जो संग मेरे, तो गम कैसा
            सारे जहाँ को, प्यारा तू ऐसा l

तेरी ही भक्ति से, शक्ति है मिलती
तेरे ही चरणों में, श्रद्धा के मोती l
              तेरी दुआओं का,असर ही तो है ये
               रोशन है दुनियाँ जो,जहाँ में ये मेरी


                                              - तनूजा पंत


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