साहित्य चक्र

26 December 2022

कविताः महानमा मालवीय






25 दिसंबर 1861 मे जन्मे,

बहुत सरल व्यक्तित्व था उनका,

विनम्र एवं शालीनता भरी,

प्रेमभाव हमेशा रहता,

हर किसी के साथ मित्रवत व्यवहार रहता,

वकालत मे उन्हे कोई हरा न सका,

अंगेज भी दातो तले अंगुली दबाती,

गौ गंगा गायत्री उनके प्राण थे,

गंगा माॅ के लिए बहुत कार्य किए,

काशी हिन्द विश्वविद्यालय का निर्माण कराया,

कितने बच्चो का जीवन संवार दिया,

हिन्दी की अखण्ड ज्योति जलाई,

सरकार ने उनकी काबलियत को समझा,

भारत रत्न से नवाज दिया,

प्रथम पुरुष थे वो ऐसे,

जिसको महामना की उपाधि से नवाज दिया,

उनके जन्म दिवस पर,

उनको शत-शत प्रणाम।


                                                 - गरिमा लखनवी


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