साहित्य चक्र

31 December 2022

कविताः आओ नया साल मनाए





नए साल में नया कुछ न कुछ कर दिखाए। 
आओ हम सब मिलकर नया साल मनाए ।
बिखरे सपनो के मोती से फिर माला बनाए ।
निराशा को भगाए ,आओ कुछ कर दिखाए।

हर मायूस चेहरे पर मुस्कुराहट बिखराए 
आओ नया साल मनाए........
स्वयं के अंदर खोया आत्म विश्वास जगाए ।

आत्म निर्भर भारत की पहचान बनाए 
तकनीकी में आगे कदम बढाए ।

आओ नया साल मनाए .......
राग द्वेष ईर्षा सभी भूल , 
सृजन करे अच्छी बातो का 
आपस में समन्वय बिठाए ,
छूट गए जो संघी साथी 
सभी को साथ ले आए 
अभी भी मास्क पहने हम सभी 
सामाजिक दूरी अपनाए ।

वैक्सीन सभी को लगवाए 
आओ नया साल मनाए ।

अंत करे नकारात्मक विचारों का 
नए सुविचार अपने अंदर लाए 
तैयार रहे हर किसी की मदद के लिए
हमें जरूरतमंद के लिए हाथ बढ़ाए 
आओ नया साल मनाए ।

नए साल में नया कुछ न कुछ कर दिखाए। 
आओ हम सब मिलकर नया साल मनाए। 
बिखरे सपनो के मोती से फिर माला बनाए।


                                                  - पवन कुमार शर्मा 


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