साहित्य चक्र

31 July 2017

*गरीबी की चाह*

               
        *गरीबी की चाह*

गरीबी भी क्या चीज है..?
कभी हंसाती है, तो
कभी रूलाती है।
आखिर क्या चीज है,
 ये गरीबी....?


जो इतनी सताती है...?
कभी भूखा सुलाती है, तो
कभी नंगे पैर चलवाती है।
आखिर क्या चीज है,
 ये गरीबी....?


गरीबी भी क्या होती है..?
कभी बिना कपड़े घूमते है, तो
कभी दर-दर भटकाती है।
आखिर क्या चीज है,
 ये गरीबी....?


                                                           *कवि- दीपक कोहली*

30 July 2017

*जल*

सुमन जांगड़ा


एक मछली यू ही तङप कर मर गई,
और ये खबर दूर दूर तक घर कर गई।

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न कोई कारण ना कोई बहाना था,
ये रहस्य सभी के लिए अनजाना था।

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तभी किसी ने यह माना था,
मछली की मौत केवल जल न बचा पाना था।

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जाने कहाँ की रीत है, करें कोई और भरे कोई,
न्याय नहीं अन्याय है यह दोषी जिए निर्दोष मरे।

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हे मानव तेरी एक गलती से हो गया सब वीरान,
तेरा यह रुप देखकर मैं भी हूँ हैरान।

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एक वक्त ऐसा आएगा सब तबाह हो जाएगा,
मछली की तरह इन्सान तू प्यासा ही मर जाएगा।

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आखों से भी तेरे अन्गारे बरसेंगें,
वो दिन दूर नहीं जब हम बून्द बून्द को तरसेगें।

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पानी का महत्व तुझे तब नजर आएगा,
जब आने वाली पीढीयों में संकट बन जाएगा।

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इसलिए बात मान अभी से कदर कर ले,
पानी को बचा कर जिन्दगी खुशनुमा करले।

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जीवन हमारा फूलों सा महकाएं,
जल बचाएं कल बचाएं।

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                                                                               *सुमन जांगड़ा*

                          

बेटी...।


चंद्रकला


बेटी..! मुझे भी जीने दो..।

देश की शान है बेटी.. पापा की जान है... बेटी..!
करती है रोशन.. दो कुलों का नाम है... बेटी..!

मायके का प्यार छोड़...
ससुराल के दर्द में कराहती है... बेटी..!
लक्ष्मी-दुर्गा-चण्डिका... 
अन्य रूपों में पूजी जाती है... बेटी..!

आत्मविश्वास और शक्ति की कुंजी है...बेटी..!
दादी की लाडली..पापा की प्यारी है...बेटी..!
माँ की ममता..भाई के स्नेह से पलती है..बेटी..!

परिवार को एक सूत्र में बांधी रखती है..बेटी..!
सुंदरता और सुशीलता का भंडार है..बेटी..!

नन्हीं-सी कली है...बेटी..!
जरा बहार की बगियां में खेलने तो दो।

ना करो अत्याचार जब बहु बन जाती है...बेटी..!
ना करो दुराचार जब बाहर निकलती है...बेटी..!

ना लगाओ बनदिश...।
एक सम्मानीय जीवन बनाओ..। बेटी..!

                                                                                             *चंद्रकला*

27 July 2017

-बेटी-



* बेटी * 
               
                     
धन्य है वह आँगन, जहाँ बेटी की किलकारी है, 
और हर बेटी को बचाना, हम सबकी जिम्मेदारी है। 
                  
                      
भारत की हर बेटी पढ़े, ये पावन कर्तव्य हमारा है, 
क्योकि बेटियों ने तिरंगे,  का गौरव सम्मान बढ़ाया है।
बेटी वो है जो, दो परिवारों की आन, बान और शान है, 
और बेटी होना आज, अभिशाप नहीं, अभिमान है ।
     
                      
स्वच्छ भारत का नारा, आज हर भारतीय को अपनाना है, 
, बेटियों को संरक्षण दे, कचरे का अस्तित्व मिटाना है।
पूर्ण स्वच्छ रहे भारत, पुष्पित हो, पल्लिवत हो,
'बेटी बचाओ -बेटी पढाओ', केवल दीवारों पे ना अंकित हो।
                       
  इस नारे को हृदय से, हर भारतवासी को अपनाना है, 
हर बेटी कोई उसका स्थान मिले, उसे सारा जहाँ दिखाना है, 
कोई अरमान बाकी ना रहे, जीवन उसका महकाना है, 
शादी के बाद ना जाने, उसे किस तरह निभाना है।
                      

एक बार बेटी को जीवन दो, आलम्बन दो, संस्कार दो,
सारा जीवन उसके सिर पर, प्यार से निसार दो।
, एक बार मौका दो उसे, जीने का, कुछ करने का,
नाम ऊँचा कर देगी, विश्व में, अपने भारत वर्ष का।

                       
बेटी  को बचाओगे,   तो वो सभ्यता बचाएगी, 
एक ही नही  वो,  दो परिवार महकाएगी
अपना  सब कुछ  छोड़कर, वो हमारे  काम बनाएगी, 
और आपके  इस  कर्ज  को  वो जीवन  भर चुकाएगी।  

धन्‍यवाद सहित प्राप्‍त करें ! 

                                            विदुषी शर्मा 

26 July 2017

* रायसीना का बॉस राम- 'कोविंद'

                      


उत्तरप्रदेश का लाल-कानपुर का राम बना देश का महामहिम...! जी हां..! आपने सही सुना और सही पढ़ा...। उत्तरप्रदेश के कानपुर देहात के रहने वाले रामनाथ कोविंद बने देश के 14वें  महामहिम यानि राष्ट्रपति..। रामनाथ कोविंद ने जैसे ही 25 जुलाई 2017 को संसद भवन में राट्रपति पद की शपथ ली..। वैसे ही देश को 14वां राष्ट्रपति मिल गया..। जी हां..! अब हमारे देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नहीं बल्कि रामनाथ कोविंद है...। जो इससे पहले बिहार के राज्यपाल हुआ करते थे। सही पहचान बिहार का राज्यपाल अब देश का राष्ट्रपति है..। आइए हम आपको बताते है। रामनाथ की सच्ची पहचान क्या है..? 
रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को कानपुर देहात (उत्तरप्रदेश) के तहसील डेरापुर के गांव परौंख में हुआ था। जिनके पिता का नाम स्वर्गीय माईकू लाल और माता जी का नाम स्वर्गीय कलावती था। रामनाथ कोविंद की धर्मपत्नी का नाम सविता कोविंद है। रामनाथ कोविंद हिन्दू धर्म के कोरी (कोली) जाति के है। जो एक अनुसूचित जाति में आने वाली जाति है। कोविंद एक गरीब और निर्धन परिवार से उठकर यहां तक पहुंचे है। रामनाथ कोविंद ने कानपुर से बीकॉम करने के बाद एलएलबी की और फिर दिल्ली चले आए..। जिसके बाद कोविंद ने आईएएस की तैयारी की, लेकिन दो बार नाकाम होने के बाद तीसरी बार कोविंद सफल तो हुए लेकिन उन्हें आईएएस पद नहीं मिल पाया। जिसके बाद कोविंद ने नौकरी नहीं कर लॉ का अभ्यास किया। जिसके बाद रामनाथ कोविंद ने केंद्र सरकार के लिए वकील के रूप में काम किया ।

दिल्ली हाई-कोर्ट में 1977 से 1979 तक और 1980 से 1993 तक  केंद्र सरकार की स्टैंडिग कौंसिल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अभ्यास किया। सन् 1994 में कोविंद यूपी से राज्यसभा सांसद चुने गए...। अपनी कुशल कार्य क्षमता के चलते कोविंद लगातार दो बार राज्यसभा सांसद चुने गए..।
इतना ही नहीं रामनाथ कई वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे..। जिनमें एससी और एसटी पार्लियामेंट्री कमेटी, राज्यसभा चैयरमैन, होम अफेयर्स पार्लियामेंट्री कमेटी में कार्यरत रहे...।

कोविंद ने 2002 में यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वहीं राष्ट्रपति बनने से पहले रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल के रह चुके है। रामनाथ कोविंद ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा तीसरे प्रयास में ही पास कर ली। जो उनकी बुद्धिमानिता को दर्शाता है...। अगर राजनीति की हम बात करें तो रामनाथ कोविंद का राजनीति जीवन 1991 से शुरू हुआ। 1991 में रामनाथ कोविंद बीजेपी सम्मिलित हुए। जिसके बाद वो दो बार राज्यसभा सांसद भी रहे..। अपने कामों के लिए कोविंद पूरे दलित वर्गों में जाने जाते है। रामनाथ ने समाज में शिक्षा को लेकर कई ठोस कदम उठाए। जिससे उन्हें कर बार सम्मानित भी किया जा चुका है। कोविंद देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति है..। अपनी महेनत और पराक्रम से कोविंद आज देश के राष्ट्रपति बनें है। जो कभी मिट्टी से बने घर में रहा करता था। आज वो व्यक्ति देश का सर्वोच्च नागरिक है। यह बात अपने आप में बहुत कुछ प्रदर्शित करती है..।  हमें उम्मीद करते है कि रामनाथ कोविंद का कार्यकाल सराहनीय रहेगा। 




                                        रिपोर्ट- दीपक कोहली

22 July 2017

* वीर जवान *

सुमन जांगड़ा



* वीर जवान *


गर्व करे या अश्क बहायें, हम इनके बलिदान पर।
जान गवादी पर आंच न आई,जिनसे हिंदुस्तान पर।।

जंजीरो से बंध कर भी जो अपना फर्ज न भूले थे।
हँसते हँसते भारत माँ के वीर लाडले झूले थे।।

सिर नही झुकने दिया कभी किसी शैतान पर।
जान गवादी पर आंच न आई जिनसे हिंदुस्तान पर।।

आजादी का ये चोला हम सब को पहना गए ।
बिना किसी स्वार्थ के देश के ऊपर छा गए।।

हम को बड़ा अभिमान है अपने वीर जवान पर।
जान गवादी पर आँच न आई जिनसे हिंदुस्तान पर।।

सुनो भारतीयो याद करेंगे हम सब इनकी कुर्बानी।
दिलों में जिनके देश प्रेम हो वो थे सच्चे बलिदानी।।

हम भी सीखेंगे कुछ इनसे देशभक्त सम्मान पर।
जान गवादी पर आँच न आई,जिनसे हिंदुस्तान पर।।
                                     
                                   *सुमन जांगड़ा*

#आंध्र का नायडू बनेगा देश का उपराष्ट्रपति...?

आंध्र का नायडू बनेगा..! देश का दूसरा सर्वोच्च व्यक्ति यानि उपराष्ट्रपति..।



आंध्रप्रदेश के जाने माने राजनेता मुप्पवरपु वेंकैया नायडू अब देश के उपराष्ट्रपति बनने जा रहे है..। जी हां एनडीए ने नायडू को देश का उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित किया है..। इससे पहले एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद भारी मतों से जीत कर रायसीना पहुंचे है..। अब एक बार फिर उपराष्ट्रपति को लेकर पूरे देश में हलचल मची हुई है..। जहां विपक्ष ने गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी को अपना उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है..। तो वहीं बीजेपी ने नायडू को अपना उम्मीदवार बनाकर साफ संकेत दिए है..कि जीत उन्हीं की होगी..। वैसे एनडीए उम्मीदवार नायडू की बात करें तो नायडू एक साफ-सुथरा चेहरा है..। जिनकी दक्षिण भारत में नायडू की तूती बोलती है..। नायडू बीजेपी के सबसे भरोसेमंद कार्यकर्ता रहे है..। चाहे 'जय आंध्र आंदोलन' हो या फिर पार्टी को आगे ले जाने की बात हो..। हर वक्त नायडू पार्टी के साथ खड़े दिखे है..। अगर नायडू के राजनीतिक जीवन की बात करें तो नायडू एक साफ-सुथरे राजनेताओं में गिने जाते है..। वैसे नायडू को कांतिकारी भी कहा जाता है..। नायडू कई आंदोलनों का हिस्सा रहे है..। जिनमें से एक है 'जय आंध्र आंदोलन'। जिसमें नायडू खूब सुर्खियों में रहे..। वैसे नायडू तीन बार राज्यसभा सांसद और 29 साल में विधयक बनने वाले पहले व्यक्ति है.।नायडू का राजनीतिक जीवन काफी चर्चित रहा है..। सन् 1974 में नायडू छात्र राजनीति का हिस्सा बनें। जिससे बाद नायडू ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा..। धीरे-धीरे दक्षिण भारत की राजनीति मेें नायडू एक उभरता राजनेता बनें..। उसी का नतीजा है कि नायडू आज देश के उपराष्ट्रपति बनने जा रहे है..। छात्र संघ अध्यक्ष से लेकर उपराष्ट्रपति तक पहुंचना अपने आप में नायडू की परिभाषा देता है..। नायडू प्रतिभाशाली राजनेताओं में गिने जाते है..। जो अकेले दम पर पार्टी को संभलने और आगे ले जाने की क्षमता रखते है..। 
सन्-1972 में नायडू 'जय आंध्र आंदोलन' में खूब सुर्खियों में आए और जयप्रकाश नारायण के करीबी बने  रहे..। नायडू के जयप्रकाश नारायण विचारधारा का माना जाता है। अक्सर नायडू जयप्रकाश नारायण की विचारधारा में काम किया करते है। नायडू की अध्यक्षता में ही बीजेपी  ने साल 2004 का आम चुनाव लड़ा। जिसमें बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा। जिसके बाद नायडू ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। नायडू एक ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते है..। जिनका जन्म एक जुलाई 1949 में आंध्रप्रदेश के जिला नेल्लोर में हुआ..। नायडू ने वकालत की पढ़ाई के लिए कानून की डिग्री ली..। आज नायडू देश के दूसरे शक्तिशाली नागरिक बनने जा रहे है..। नायडू को उपराष्ट्रपति बनने के लिए शुभकामनाएं देते हुए, मैं यही कहूंगा कि उनका कार्यकाल  सराहनीय रहे और लोकतंत्र की गरिमा बने रहे..।

                                                                                     रिपोर्ट- दीपक कोहली

21 July 2017

*योग का गुरू या पतंजलि का संस्थापक....?

योग का गुरू या पतंजलि का संस्थापक....?  बाबा रामदेव..!  

जब-जब योग की बात होती है..। तब बाबा रामदेव का नाम सबसे पहले आता है..। चाहे देश हो या फिर विदेश..। रामदेव बाबा एक योग गुरू के रूप में पूरे विश्व में लोक प्रसिद्ध है..। हरियाणा के सैद अलीपुर गांव का रामकृष्णा यादव आज योग गुरू बाबा रामदेव बन गया है..। जो कभी शहजादपुर गांव के स्कूल में पढ़ा करता था। आज वो पूरे देश को योग पढ़ा रहा है। अपनी महेनत और लगन से रामकृष्ण यादव आज एक योग गुरू के रूप में प्रसिद्ध है..। बाबा रामदेव का बचपन मेंं नाम रामकृष्ण यादव था। जो हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के सैद अलीपुर गांव के रहने वाले है..। उनके पिता का नाम- रामनिवास और माता जी का नाम गुलाबो देवी है..। शायद आपको पता नहीं होगा..कि बाबा रामदेव ने कक्षा- 8 तक की पढ़ाई हरियाणा के शहजादपुर गांव से की है। जिसके बाद बाबा रामदेव खानपुर गांव चले गए..। जहां बाबा रामदेव ने महान आचार्य प्रदुयम्र और योगाचार्य बलदेव जी से संस्कृत और योग का ज्ञान प्राप्त किया। तो वहीं आज बाबा रामदेव अपने गुरूओं के नकक्ष कदमों पर चल रहे हैं..। जिसके कारण बाबा रामदेव ने आज पूरे देश में अपना अस्तित्व स्थापित किया है..। साल 1989 में रामकृष्ण यादव ने गुरूकुल में प्रवेश प्राप्त किया। जिसके बाद उन्होंने अपना नाम बाबा रामदेव रखा लिया..। जिसके बाद बाबा रामदेव एक संन्यासी के रूप में काम करने लगें..। सन्- 1993 में बाबा रामदेव ने गुजरात के सूरत में पहली बार योग शिविर का आयोजन करावाया..। जिसमें बाबा रामदेव ने कई लोगों को योग करवाया और सीखाया..। सन्- 1995 में बाबा रामदेव ने दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की। जो बाबा रामदेव की अपनी एक व्यक्तिगत संस्था है..। जिसके माध्यम से बाबा रामदेव ने योग को बढ़ावा दिया। साल 2003 से बाबा रामदेव का योग कार्यक्रम हर सुबह आस्था चैनल में प्रसारित होने लगा...। जिससे बाबा रामदेव को एक नई पहचान मिली..। साल 2006 में बाबा रामदेव ने हरिद्वार में महर्षि दयानंद ग्राम में पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के अतिरिक्त अत्यधिक औषधि के लिए दो सेवा प्रकल्प स्थापित किए। इन सेवा प्रकल्पों के माध्यम से बाबा प्राणायम और अध्याम का प्रसार-प्रचार करते है। जिसके बाद रामदेव ने योग को जन-जन तक पहुंचाने में एक अहम या महत्वपूर्ण योगदान दिया..। जिसके कारण आज पूरे विश्वभर में योग दिवस मनाया जा रहा है। बाबा रामदेव एक महान योगगुरू और एक सफल व्यापारी भी है..। जिस तरह बाबा रामदेव ने पतंजलि को एक नया आयाम दिया, वो काबिले तारीफ है..। आज बाबा को कोई योगगुरू के नास से जानता है, तो कोई पतंजलि नाम से जानता है। बाबा को पतंजलि और योग से पहचान ही नहीं बल्कि कई प्रशंसक भी मिलें..। जो बाबा के भक्त बहुत बड़े है..। एक बाबा होने के नाते रामदेव ने देश को एक अलग पहचान और मुकाम दिया है..। वैसे आपको पता होगा.. बाबा रामदेव अक्सर कहते है कि स्वदेशी अपनाओ..और देश बचाओ..। बाबा का इस उद्देश्य के पीछे  चाहे जो कुछ हो..। लेकिन बाबा देश के बारे में तो कुछ तो सोचते है..। जिससे देश के युवाओं के रोजगार मिलता है और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। आज रामदेव बाबा के प्रसंशक पूरे विश्व में हैं। चाहे अमेरिका हो या फिर भूटान..। हर तरफ बाबा रामदेव की चर्चा  होती है..। जो अपने आप में यह दर्शाता है कि बाबा एक शख्सियत है..।  आइए आपको बताते है...कि बाबा रामदेव की पतंजलि शाखाएं कहां-कहां स्थापित है..। भारत ही नहीं नेपाल और कनाडा, इंग्लैंण्ड,जैसे देशों में पतंजलि की शाखाएं उपस्थित  हैं। जिससे हमारा देश गौरविंत महसूस है। बाबा ने पहली बार में देवबंद में मुस्लिम समुदाय को संबोधित किया था। जिसके बाद बाबा रामदेव के योग शिविरों में आम लोगों के अतिरिक्त कई बड़ी-बड़ी हस्तियां भाग ले चुके है..। जिसमें महान अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का नाम भी उल्लेखनीय है..। वैसे आपको बता दूं कि बाबा रामदेव ने योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए ही पतंजलि की स्थापना की...। आज बाबा देश के उन लोगों में गिने जाते है, जो देश को रोजगार और एक अलग पहचान देने में कामयाब है। एक बात और बता दूं, कि बाबा रामदेव ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरिद्वार और ऋषिकेश को गोद लिए है..। जिसके तहत बाबा हरिद्वार और ऋषिकेश को प्रदूषण मुक्त करना चाहते है..। वैसे बाबा समय-समय पर योग शिविरों का आयोजन भी करते रहते है...। जिसमें बाबा लोगों को योग ज्ञान देते है..।बाबा रामदेव का एक संकल्प है, कि मेरा पूरा देश स्वस्थ हो..। इसी कड़ी में बाबा ने देश के सैनिकों को भी योग को अपनाने की मांग कही है..। हम उम्मीद करते है,  बाबा रामदेव की हर मुराद पूरी हो..।

                                             रिपोर्ट- दीपक कोहली

19 July 2017

* पति-पत्नी का रिश्ता...।


पति और पत्नी का रिश्ता तभी सार्थक है जब वे एक दूसरे की शारीरिक , मानसिक व भावनात्मक जरूरतों को समझें, अन्यथा यह रिश्ता बिल्कुल बेमानी लगने लगता है। 

सीमा भाटिया



ये जो नश्तर चुभोए
तुमने शब्द बाणों के
दिल को भेदते हुए
खंजर मारे तानों के

तुम तो सोए हो चैन से
सुकून के वो पल भोग
नींद छीन ली नैनों से
दे गए हो हजारों रोग

जार जार है तन मेरा
बिखल रहा मन मेरा
नींद कहाँ आँखों में?
टूट रहा यह बदन मेरा

भोग्या हूँ बस तुम्हारे लिए
थकान उतरती मुझ से
पर कभी सोचा है यह
मेरा दिल क्या चाहे तुझ से?

वो मीठी प्यार भरी बातें
दो मधुर प्रेम भरे बोल
कर सकते आनंदित मन
बना सकते जीवन अनमोल

पर तुम न समझे मोल कभी
इन हसीं एहसासों का
खोजते हांड माँस में ही
मोल अतृप्त श्वासों का

एक रात बीत गई फिर
अनगिनत आनी बाकी हैं
मैं धरूँ रूप रम्या का
तन बदन इक साकी है।

मेरी मामूली ख्वाहिशों को
काश तुम समझ पाते
साथ ही मधुर स्वप्न देखते
बनती यादगार ये रातें....।

                                                       सीमा भाटिया

17 July 2017

🌹 अभिवादन गीत🌹



CM सर PM पर विश्वास हमारा है,
ये अपनी जनता की आँखों का तारा है।

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ऐ बहनों सुनती हो बदलाव आएगा ,
अच्छे दिन आएँगे दुःख दूर जायेगा।

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मोदी जी के भेष में भगवान हमारा है,
ये अपनी जनता की आँखों का तारा है।

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पूरे होंगे अब तो अरमान हम सब के,
इच्छा पूरी करनी है जो रह गई दबके।

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लगता है अब हमको नजदीक किनारा है,
ये अपनी जनता की आँखो का तारा है।

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सपने देखने का अब हक़ है हम सब को,
आई है खुशहाली ये मान लो अब तो।

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मुश्किल से चमका है भाग्य हमारा है,
ये अपनी जनता की आँखों का तारा है।

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

पूरे भारत को अब विश्वास है इन पर,
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ये नारा हर घर,

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

मोदी ज़ी लहर ने हमको उभारा है,
ये अपनी जनता की आँखों का तारा है।

                                                                            🌹सुमन जांगड़ा🌹                        

16 July 2017

👸नारी एक पहेली👸




           ये समाज कितना खुदगर्ज होता है।
          सिर्फ औरत का ही सब फर्ज होता है।
          पर दिखावा ये करते रहते है लोग
          की नारी के बिना घर नर्क होता है।

          👸👸👸👸👸👸👸👸👸
        एक लड़की जब बहु बनकर आती है,
        कितने अरमान अपने साथ लाती है,
        पर उसके अरमानो पर पानी फिर जाता है,
         उसका बच्चपन वहीँ ख़त्म हो जाता है।

         👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸

               जो प्यार मायके में मिलता था,
                      उससे वंचित रह जाती है,
             सिर्फ ताने और गालियां उसके हिस्से आती है,
       लेकिन उसकी सराफत देखो हँसकर सब सह जाती है।

        👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸

      पता नही पराये घर से इतना कैसे जुड़ जाती है,
      अपने साथ हुए अन्याय को मायके से छुपाती है,
      अपना बना लेती है सबको वह उधर आकर,
       लेकिन खुद से ही बेगानी हो जाती है।

          👸👸👸👸👸👸👸👸

        हर पल अपनी खुशियों का गला घोटकर,
        औरो पर अपनी खुशियाँ लुटाती है,
          कभी शिकायत नही किसी से,
          कभी नही घबराती है।

         👸👸👸👸👸👸👸👸

        बेशर्म इतना घिर जाते है इंसानियत से,
        जुल्म पर जुल्म करके लाश बना देते है औरत से,
   नोकर बन भी अपने आप को मालकिन समझ लेती है,
    हाय औरत भी क्या जिगर लेकर पैदा होती है।

 👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸

  जितना वह सहती है उस पर जुल्मो का कहर जारी है,
              पर करे भी तो क्या करे वो तो आखिर नारी है,
         बंद करो दुनिया वालो बस अब बहुत हो गया,
      तुमको दिखाने का समय लगता है अब आ गया।

  👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸

     नारी को कमजोर समझने की भूल मत करना,
         इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा वरना,
         औरत अगर लक्ष्मी का रूप है तो,
                दुर्गा का अवतार भी है।

       👸👸👸👸👸👸👸👸👸

        तीनों लोकों में तबाही आ जायेगी,
       अगर औरत काली रूप में आ जायेगी,
        अभी भी समय है इसका दिल मत दुखाओ,
       इसका आदर करके भगवान को खुश कर जाओ।

      👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸

     जिस घर में औरत का सम्मान होता है,
      उस घर में देवोँ का निवास होता है,
        नर्क से  भी नर्क है वो घर,
      जहाँ नारी का अपमान होता है।
                                         
                                                      सुमन जांगडा - हरियाणा

*ALIBI*




*ALIBI*

Times may come alike but the
 moments are hard to come by.
Its a one way ticket ride 
only the joy of life.
Peculiar is the way of life 
accept it as irony of life.
Live by the every shades of 
it till life autumn comes by.
From every attributes of life 
to the nincompoop there by.
Life is a ride full of throttles 
and speed breakers there by.
Ride it to the alibi near the horizon 
guess that is the destination.
Because the time may come alike
 but moments are hard to come by.

                   *Kapil Bohra*

14 July 2017

# अंधविश्वास #

सुमन जांगड़ा

 
घर की हालत बद्तर है,लेकिन मंदिरों में फर्श सीसे की तरह चमक रहे है
गरीब को खाने के लाले पड़े हुए है,पर पूजारियों के पास अनाज सड़ रहे है 
लानत है मानव तेरी सोच पर,मंदिरों में पैसा पानी की तरह बहा दिया 
किसी राह चलते जरूरतमंद ने 2 रूपये मांग लिए ,उसे भिखारी बना दिया।

मंदिरों में ही भगवान मिलते है, उन मासुम बच्चों के दिल में  क्यों नही ?
जो सर्दी -गर्मी की परवाह किये बिना, सड़को पे पड़े रहते है रात भर वहीं
शिक्षा के अभाव के कारण बेचारे, सपनोँ को जिन्दा ही मार लेते है पर
किससे शिकायत करें वो,समाज में तो सारे भगवान के भक्त रहते है।

मजदुरी के भोझ तले ,उनका बचपन दब जाता है
सच बताओ दुनियां वालो क्या ऐसे भगवान खुश हो पाता है
हाथ जोड़कर विनती है,इतना सा कहना मानो
ना बटों धर्म के नाम पर, सच्चाई को पहचानों ।

मंदिरों का धन बेकार पड़ा है और कोई मरीज दवाइयों के बिना खड़ा है.
 भगवान सोने से लदा हुआ है पर कोई पथिक चादर के बिना बाहर पड़ा है
जिस दिन मंदिरों में पड़ा धन ,गरीबों में बंट जायेगा तो
किसी माई के लाल की ओकात नही अपने भारत देश को गरीब बताएगा।

 मैं भी भारत वासी हुँ कहने का पुरा हक़ है
पर ये मेरी नहीं हम सब की लड़ाई है
हो सकता है मेरे शब्द किसी को बुरे लगे,
लेकिन मानो या न मानो यही सच्चाई है।

                                                 *सुमन जांगड़ा*

13 July 2017

*जल गीत*





पानी है अनमोल  सारी दुनिया को समझाना है
कुदरत का उपहार है ये व्यर्थ नहीं बहाना है।
नदियों में रौनक है इससे  हर बादल दीवाना है
कुदरत का उपहार है ये व्यर्थ नहीं बहाना है।
जमीनदार का अनदाता ये फसलों का खजाना है
कुदरत का उपहार है ये व्यर्थ नहीं बहाना है।
हर घर में पहचान है फुलो में मुस्काना है
कुदरत का उपहार है ये व्यर्थ नही बहाना है।
कदर सीख लो इसकी करना वरना पछताना है
कुदरत का उपहार है ये व्यर्थ नहीं बहाना है।
मैं समझाऊ तुमको  तुमने औरो को समझाना है
कुदरत का उपहार है ये व्यर्थ नहीं बहाना है।



                                              *सुमन जांगड़ा*

11 July 2017

*Love you papa*


*सुमन जांगड़ा*

दुनिया में पहचान है पापा,

होठों की मुस्कान है पापा,
किस्मत से मिलते है सबको,
हम बच्चों की जान है पापा।
🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈
बच्चों की खुशी की खातिर,
खतरों से लड़ जाते है,
बच्चों की ख़ुशी में पापा,
खुद बच्चा बन जाते है।
🎈🎈🎈🎈🎈🎈
जीवन में वरदान है पापा,
एक बेहतर इंसान है पापा,
ये दुनियां कुछ भी समझे ,
 पर मेरे भगवान है पापा।
🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈




 🌿 suman jangra hansi🌿  
💖  Love you papa💖

*नारी तुझे सलाम*


*सुमन जांगड़ा*


रुकना नही है तुझे,बस चलते जाना है।

कदम दर कदम आगे, बढ़ते जाना है।
🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇

मत हिम्मत हारना,चाहे पर्वत सी ऊंचाई हो।
लक्ष्य तेरा अटल है कितनी भी कठिनाई हो। 
🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇

 होंसलो की उड़ान तुझे ,बन दिखलाना है।
आगे आगे तुम चलो ,पीछे जमाना है।
🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇

 चिर दो दुश्मन का सीना,जो राहो में आ जाये।
भारत की तुम निडर बेटी,न कभी घबरा पाये। 
🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇 

मौत से भी लड़ जाओ अगर जरूरत पड़ती है।
आँच न आये अपने हिन्द पर,जब तू आगे बढ़ती है।
🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇
     
कभी दुर्गा कभी लक्ष्मी,काली का अवतार है तू।
वतन के ऊपर जान झोंकना,हर समय तैयार है तू।
🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇

गर्व है तुम पर इस देश को ,कर दिखलाया ऐसा काम।
हे,मर्दानी -हिंदुस्तानी देश की नारी तुझे सलाम।
जय हिन्द  
🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇🏇 
                                                         
                                                                   *सुमन जांगड़ा*

09 July 2017

*बेटी-बेटी-बेटी*

  *खुशबू शर्मा*


जीवन अगर गीत है,

 तो साज है बेटी 
अपने बाबुल के सर 
का ताज है बेटी..। 



बेटी अगर सुरक्षित है तो,
 कल अपना सुनहरा है।
आज हर एक मुक़ाम
 पर तैनात है बेटी..।।
शक्ति भी है वो काली भी
 दुर्गा और चंडी भी..।।



 यूँ तो पूरा ब्रह्माण्ड है बेटी,
 हर एक भाई के लिए 
चिंतित वो बहिन है बेटी,
हर मां-बाप की शान है बेटी।।



                         *खुशबू शर्मा*

08 July 2017

*अटल के नाम, मेरी कविता..।


विदुषी शर्मा
 श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के
     नाम का पूर्ण एवं सार्थक अर्थ

        अ- अदब से सर झुकाना ही 
        नहीं जानते हैं हम फकत,  

      ट- टल नहीं सकते हमारे 
   हौसले हैं सर परस्त ।

   ल- लहु रंग लाता है 
       हमेशा खौलने के बाद, 

         बि- बिखरकर सीप में बनती है 
     बूंदनूर-ए-आफताब

        हा- हारने का सबक हमने 
         सीखा नहीं है आज तक, 

   री- रीत सदा जीतने की,
            बनती रही है एक सबक ।

 वा- वायदों से हम जी 
      बहलाना नहीं जानते, 

       ज-  जग में शांति को ही 
     अपना सर्वस्व मानते

   प- परिंदों की तरह लंबी 
        परवाज़ लेनी है अब हमें, 

     यी- विजयी भव का भाव 
      सत्य करना है अब हमें
   
                               *विदुषी शर्मा*

07 July 2017

उत्तराखंड की एक अभिनेत्री - 'सुमन'


जब - जब देव भूमि की बात होती है, तो तब - तब वहां की संस्कृति और लोक गीतों के बारे में भी बात होती हैं..। जिस तरह आज उत्तराखंड की संस्कृति आगे बढ़ रही है, उसे देखकर लगता है, कि आने वाले दिनों में देवभूमि की लोकप्रियता पूरे विश्व में बढ़ेगी..। हम उम्मीद करते है कि हमारे उत्तराखंड की संस्कृति विश्व विख्यात हो...। उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़े लोग आज भी यहां की संस्कृति को कुछ अलग अंदाजों में पिरोते नज़र आते है..। हमारा उत्तराखंड देश ही नहीं विदेशों को भी कई कलाकार दें, चुका है..।  वहीं हमारे पहाड़ी कलाकार भी लोगों के दिलों में राज करते है..। जी हां उन्हीं में से एक है, हमारी पहाड़ी कलाकार सुमन गौड़...। जो हर उत्तराखंडी के दिलों में राज करती है..। इसी को लेकर जयदीप पत्रिका ने सुमन गौड़ से बातचीत करने की कोशिश की..। 


आइए जानते है...। सुमन गौड़ और जयदीप पत्रिका के संपादक दीपक कोहली की खास बातचीत..। 


सवाल- आप देवभूमि उत्तराखंड में एक सुपर स्टार की तरह पहचान रखते है..। इसे बावजूद भी आप एक साधारण सोच रखती है..? 
जवाब- मैं सबसे पहले एक उत्तराखंडी हूं..। उसके बाद में एक कलाकार हूं..। मैं उत्तराखंड वासियों का  धन्यवाद करना चाहूंगी..जिन्होंने मुझे इतना प्यार दिया..। हां मैं एक साधारण नारी के साथ - साथ एक अच्छी मां और एक गृहणी भी हूं..। इतना जरूर कहूंगी.. कि हमारा उत्तराखंड देवभूमि है और रहेगा..।

सवाल- आपको क्या लगता है..? क्या हमारी संस्कृति, हमारे लोकगीत, हमारी हस्य परंपरा कही खोती जा रही है..?
जवाब- हां..यह सत्य है..। आज हमारी संस्कृति कही खोती दिख रही है..। इतना जरूर है कि लोग लोक गीत, हस्य - कविताएं सुनना चाहते है, मगर आजकल के युवा कही इससे हटते जा रहे है..। जो विशेष चिंता है..।  राज्य सरकार और स्थानीय नागरिकों को इस विषय पर गंभीरता से सोचना होगा..। तभी कुछ हो सकता है...। युवाओं को लोक- गीत- संगीत के लिए प्रेरित करना होगा..। तभी हमारा लोक-संगीत बचा रहेगा..। 

सवाल- आपको क्या लगता है...?  क्या हमारे उत्तराखंडी लोक गायक, कलाकार, संगीकार आदि लोगों को वो पहचान मिल पाती है...? जो एक बॉलीवुड कलाकार, संगीतकार को मिलता है..या.. और राज्यों के कलाकारों को मिलती है..?
जवाब- नहीं..। वो पहचान अभी बाकी है..। जो और राज्यों के कलाकारों, संगीतकारों को मिलती है..। हां इतना जरूर है...।  कुछ गायकों और संगीतकारों को लगभग कई देशों में भी जाना जाता है..। जैसे गढ़वाली गायक नरेंद्र सिंह नेगी, कुमांऊनी गायक ललित मोहन, पप्पू कार्की, आदि। 

सवाल- आपको अभिनय और एक्टिंग का शौक कहां से और कब आया..?
जवाब- जी..मैं बचपन से ही एक्टिंग करती थी...। जब मैं कक्षा 8 में पढ़ती थी। तब से में रामलीला और संस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करती थी..। तब से मेरे अंदर एक्टिंग का भूत सवार है..। हां इस क्षेत्र में काफी संघर्ष का सामना करना पड़ता है..। मैं पहाड़ के युवाओं से एक बात जरूर कहूंगी..कि आप कहीं जाए या कही भी रहें पर अपना लोक-संगीत सुनाना बंद ना करें..। हमारी लोक-संस्कृतिक ही हमारी पहचान है..। 

सवाल- आपको क्या लगता है...क्या प्रदेश सरकार को हमारे गीत-संगीतकारों या कलाकारों को सम्मानित करना चाहिए..? जैसे कबूतरी देवी, नरेंद्र नेगी...आदि।
जवाब- हां प्रदेश सरकार को इस विषय पर सोचना चाहिए..। आखिर उन लोगों ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। हमारी संस्कृति को एक अलग आयाम दिया है..। जो सबसे पहले कबूतरी देवी जी ने दिया था..।प्रदेश सरकार को राज्य में संगीत संस्थानों का गठन करना चाहिए..। जिनसे नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति का ज्ञान मिल सके..। 


सवाल- आप देवभूमि के बारे में क्या कहना चाहेंगे..? वहां के वासियों को क्या संदेश देना पसंद करेंगे..?
जवाब- देवभूमि अपने - आप में स्वर्ग है..। जितना कहोंगे उतना कम है..। मैं देवभूमि को नमन करती हूं। जहां मुझे पैदा होने मौका मिला..। देवभूमि ही इस पृथ्वी का स्वर्ग है...। वहां के वासियों को प्रणाम करते हुए..। उनका धन्यवाद करूंगी..। जिन्होंने हमें इतना प्यार दिया..। उनका प्यार ही हमारी पहचान है..। 
मैं प्रदेशवासियों से यहीं कहूंगी...आप हमें अपना प्यार देते रहें...।

सवाल- आप कबूतरी देवी, गिर्दा तिवारी, नरेंद्र नेगी को  इस नज़रिए से देखते है..?
जवाब- कबूतरी देवी, गिर्दा तिवारी व नरेंद्र नेगी आपने-आप में महान हैं..। हर प्रदेशवासी इनका सम्मान करता है..। ऐसे लोग प्रदेश को बहुत कम मिलेंगे..। जो प्रदेश के बारे में सोचता हैं..। 

सवाल- आप एक कलाकर है..। प्रदेश में कई युवाओं की रोल मॉडल भी होगी..। आप प्रदेश के युवाओं को इस क्षेत्र के बारे में क्या ज्ञान देना चाहेंगी..?
जवाब- मेरा प्रदेश के युवाओं से निवेदन है..कि आप इस क्षेत्र में आए और प्रदेश की संस्कृति को बरकरार रखें..या आगे ले जाए। जिससे हमारी संस्कृति बरकरार रहेंगी..।
  
सवाल- आप हमारी जयदीप पत्रिका के बारे में क्या कहेंगी..?
जवाब- जयदीप पत्रिका जिस तरीके से काम कर रहीं है..। उसे देख कर लगता है कि देश- प्रदेश में कई गुम चेहरे सामने आइगे..। जो देश-प्रदेश का मान बढ़ा रहे हैं..। मैं धन्यवाद देना चाहूंगी... जयदीप पत्रिका और दीपक कोहली को जिन्होंने मुझे अपने मंच पर आमंत्रित किया...। 

                                                    रिपोर्ट- दीपक कोहली