साहित्य चक्र

16 December 2022

कविताः समय




समय बड़ा बलवान हैं
समय ईश्वर का विधान हैं।

समय के आगे कोई निकल नहीं सकता
समय के साथ कोई चल नहीं सकता।

जीवन में समय बदलता हैं
समय आने पर फल मिलता हैं।

भाग्य की रेखा समय खींचता हैं
लकीरों में जो लिखा वही होता हैं।

समय चक्र निरंतर चलता हैं
राशिफल का रूप ढलता हैं।

समय जिंदगी को नचाता हैं
जन्म मरण का सच बताता हैं।

हर पल किस्मत का खेल खिलता हैं
समय पहले कुछ भी न मिलता हैं।


- क्रांति देवी आर्य


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