बसंत तुम
जब आते हो ।
जीवन में ,
उमंग भर जाते हो।
हवाएं चलती हैं।
सुगंध ले कर।
जीवन में ,
खुशबू भर जाते हो।
बसंत तुम
जब आते हो।
एहसास जागते हैं।
हर तरफ ,
फूल खिलते हैं।
कहीं पीले -कहीं नारंगी।
जीवन रंग बरसते हैं ।
बसंत तुम ,
जब आते हो।
जीवन में ,
उमंग भर जाते हो।
नदिया इठला कर चलती है।
दिनों में मस्ती आ जाती है।
आसमां में चहकते हैं पक्षी।
जिंदगी कोयल से गीत गाती है।
बसंत तुम ,
जब आते हो।
जीवन में ,
उमंग भर जाते हो।
नई आस- नई प्यास
नए विचार -नए आधार।
बन कर छाते हो।
बसंत तुम ,
जब आते हो।
जीवन में,
तरंग भर जाते हो।।
प्रीति शर्मा "असीम"
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