साहित्य चक्र

20 February 2020

लौटना



बहुत से लोग
रोज़ शहर आकर
लौट जाते हैं
तुम इस बात का दुःख 
मत रखो 
कि कौन,कब ,कहाँ 
लौट गया तुमसे
बिना मिले !
लौटना एक निरंतर क्रिया है
हर बार नई तरह से नई जगह
दोहराई जाती है।

                                               पूर्णिमा वत्स 

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