साहित्य चक्र

10 February 2020

मेरी मां-प्यारी मां



कितनी अच्छी है तू
मेरी मां प्यारी मां।।
जन्म दिया तूने मुझे
लाई इस संसार में।।
पाल-पोस कर बड़ा किया है
जीवन दिया है न्यारा।।
मेरे रोने पर तू रोई,
मेरे हंसने पर है हंसी।।
बंद आंखों से भी तूने
मेरा है एहसास किया।।
कितनी भोली है तू मां
कितनी न्यारी है तू मां।।
तेरे हर सपने को
कर पाऊं साकार अगर।।
तभी होगा नाम सार्थक
जो दिया तूने प्यार से मुझे।।
कहते हैं सभी कि प्रतिबिम्ब हूं मैं तेरा,
पर तेरे पैर की धूल भी बन जाऊं तो
होगा ये जीवन सम्पूर्ण मेरा।।

                                               तनूजा


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