साहित्य चक्र

26 February 2020

घुट घुट कर ना मरना होगा

कदम मिला कर चलना होगा




बिना कर्म मिलती कब मंज़िल, कांटो से न डरना होगा।
थाम हौसला धैर्य का दामन कर्म के पथ पर चलना होगा।
बाधाएं घिर कर आएंगी, तूफ़ानी मौसम भी होगा।
लड़ना होगा बाधाओं से घुट घुट कर ना मरना होगा।
कदम मिला कर चलना होगा।


जंग भले कितना हो मुश्किल कदम कभी ना रुकने देना।
वक्त के साथ सदा तुम चलना नहीं इरादा थमने देना।
चुनौती को करना स्वीकार, हिम्मत मत जाना तुम हार।
आंधी हो या तुफा हो बन सत्य का दीपक जलना होगा।
कदम मिला कर चलना होगा।


बिना कड़ा संघर्ष कभी भी हासिल होता नहीं मुकाम।
कठिन तपस्या की राहों में आती हैं बाधाएं तमाम।
सुनो हौसले की स्याही से किस्मत की लकीरें ख़ुद लिखना।
दूर तिमिर करने को जग में बन के सूरज तपना होगा।
क़दम मिला कर चलना होगा।


चट्टानों से टकराना तुम, तूफ़ानों संग लड़ना होगा
चाहें कितनी दूर हो मंज़िल ना थकना ना रुकना होगा।
कंटक पथ में बिछे मिलेंगे बाधाएं सब खड़े मिलेंगे।
हासिल लक्ष्य हो नियत तेरी इतिहास नया अब गढ़ना होगा
कदम मिला कर चलना होगा।।

मणि बेन द्विवेदी


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