साहित्य चक्र

08 February 2020

बीस बीस का भारत

2020 का भारत
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बीस बीस का भारत अपना
सभी मुल्को पर तीस  हो
ना पड़े जरूरत किसी की
ऐसी प्रगति चहुँ ओर हो।

अपने पराये का भेद मिटे
सभी के हृदय समरूप हो
अनेकता में एकता की
पुनः ऐसे ही गठजोड़ हो।

एक भारत श्रेष्ठ भारत
नारा सबके अनुरूप हो
फले फूले बढे सभी
ऐसा नेक प्रारूप हो।

जन जन की आकांक्षा
ना बढ़ पाए महत्वाकांक्षा
जिन पर लगाम लगाने की 
विधि प्रणाली मजबूत हो।

बल बुद्धि विकास भी
रफ्तार दे रहे सरकार की
जन आकांक्षाओं के लिए
ऐसी नीति प्रणाली विकसित हो।

जब जब आए विपदा
सभी को मदद की चाहत जगे
बने बीस बीस  का भारत
सभी मुल्को पर तीस लगे।

                                             आशुतोष


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