साहित्य चक्र

20 February 2020

सच्चा प्रेम

सच्चा प्रेम प्यार निभाएं


सच्चा प्रेम प्यार का रिश्ता निभाएं 
आपसी स्नेह से जीवन सफल बनाएं 
सच्चा प्रेम ही जीवन का आधार है
माँ की ममता में है प्रेम
पिता के हर त्याग में है प्रेम
दादा जी के दुलार में है प्रेम
दादी की हर सीख में है प्रेम
नानी की कहानियों में है प्रेम
गुरु के ज्ञान में है प्रेम
सिपाही के फर्ज में है प्रेम
कलाकार के दर्द में है प्रेम
गरीब को रोटी खिलाने में है प्रेम
मूक जानवरों की रक्षा में है प्रेम
देव की आराधना में है प्रेम
करें मातृभूमि से प्यार प्रेम 
रावत!  दिल से कहे साथियों...
मातृभूमि के हर कण-कण में है प्रेम ।


                                                सूबेदार रावत गर्ग उण्डू  'राज'

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