डम डम डम शिव डमरू बाजे, तीन लोक करते जयकार ।
पार्वती के प्रीतम प्यारे, जग के हो प्रभु ,पालनहार ।
सब देवों के देव कहाते, अविनाशी को कोटि प्रणाम,
ज्योतिर्मय है रूप तुम्हारा, अद्भुत लिंग अनेकों नाम ,
हे नटराजन है दुख भंजन, शरणागत हम आये द्वार ।
पार्वती के प्रीतम प्यारे, जग के हो प्रभु ,पालनहार ।
गले सर्प की माल विराजे, वस्त्र बने बाघम्बर खाल ,
नीलकंठ विषधारी शंकर, दया करो है दीन दयाल ,
आदि अंत ना जान सका जग, पाया कौन तुम्हारा पार ।
पार्वती के प्रीतम प्यारे, जग के हो प्रभु ,पालनहार ।
रीना गोयल
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