साहित्य चक्र

17 February 2020

कितनी बेइज्जती कराओगे

कब होश में आओगे 
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न हिंदू खतरे में है 
न मुसलमान /
न सिख-ईसाई... 
खतरे में तो मेरे देश की बेटियाँ हैं |
जो आये दिन 
बनती हैं शिकार 
हैवानों की, शैतानों की... 

जिस दिन मेरे देश के मंत्रियों, 
धर्मगुरु, लालफीताशाही की
अय्याशी मिट जायेगी 
बेटियाँ स्वत: ही सुरक्षित हो जायेंगी |

तुम खूब चिल्लालो -
करेगा कोई? 
भरेगा कोई? 

सड़कों पर उतरोगे 
मोमबत्तियां जलाओगे 
नये-नये तरीकों से शोक जताओगे
फिर अगले दिन 
अपने बलात्कारी नेता के समर्थन में 
‘हमारा नेता निर्दोश है’ के नारे लगाओगे 
बीच चौराहे पर भारतमाता की इज्जत नीलाम कराओगे |

अपने अज्ञान से 
और कितनी बेइज्जती कराओगे 
मेरेे भाइयो तुम कब होश में आओगे? 

- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 

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