लिखूं तो क्या लिखूं ?
कश्मीर को जलता अंगार लिखूं
रोजगार को तरसता बेरोजगार लिखूं
या किसानों की आत्महत्या के लिए
जिम्मेदार वो वृक्ष छायादार लिखूं ।
मै लिखूं तो क्या लिखूं ?
मैं लिखूं तो क्या लिखूं ?
सरहदों पर निहत्था लड़ता शहीद जवान लिखूं ,
मन्दिर - मस्जिद को लड़ता भारत भाग्य विधाता की पहचान लिखूं
या तीन तलाक की फिक्र में पत्नी त्याग देने वाले को महान लिखूं ।।
मैं लिखूं तो क्या लिखूं ?
मैं लिखूं तो क्या लिखूं ?
राष्ट्र की गरिमा से होता हुआ खिलवाड़ लिखूं
या राष्ट्र बर्बाद करने वालों को राष्ट्र भक्त लिखूं
संसद की चौखट को बलात्कारियों के संरक्षण की दुकान लिखूं
मै लिखूं तो क्या लिखूं
ये आजादी का कैसा जश्न है
मैं खुद को कैसे आजाद लिखूं।।
अनिता पन्त अवस्थी
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