साहित्य चक्र

20 February 2020

जीना भी सीखो

रिश्ते बनाते हो तो
रिश्ते निभाना सीखो।

दिल लगाते हो तो
दिल लगाना सीखो।

जीवन मिला है तो
थोड़ा-थोड़ा मर कर
जीना भी सीखो।

वक्त के पन्नों पर
सब कुछ धीरे-धीरे
बदल सा जाएगा।

स्वयं को समझ कर
दूसरों को समझाना सीखो।

टूटते है दिल अक्सर
कांच की तरह
फिर भी दूसरों के दिल को
ज़रा बहलाना सीखो।


                                            राजीव डोगरा


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