साहित्य चक्र

29 February 2020

मैं गृहणी हूँ



मैं गृहणी हूँ और आते-जाते 
 कामों की गिनती किये बिना 
अपनी भावनाओं को व्यक्त करने 
 हेतु   समय भी निकालती हूँ
 मैं गृहणी हूँ इसका अर्थ ये कदापि नहीं
 कि सामाजिक गतिविधियों पर 
मेरी  नज़र नहीं या
  देश से जुड़ा कोई भी पहलू
 मुझसे अछूता है
  मैं गृहणी हूँ पढ़ी-लिखी 
जानने की जिज्ञासा रखने वाली
 सीखने की प्रेरणा रखने वाली
  और पारिवारिक दायित्वों को 
  निभाते हुए मैं खुश भी तो हूँ
 मैं गृहणी हूँ और
धैर्य के अथाह सागर में 
गोते लगाती हूँ
 और  परिस्थितियों के साथ 
  तालमेल बिठा 
 मैं खुद के लिखे गीत गुनगुनाती हूँ
  मैं गृहणी हूँ और
 खुद के लिए जीना सीख रही हूँ
  मगर कुछ ख्वाहिशों की 
 अनदेखी करना मेरी फितरत में है
  तो मैं क्या करूँ? 
 और इस बात से मुझे 
 कतई इन्कार नहीं कि 
 इसी में मुझे सुकून भी तो है
  मैं गृहणी हूँ और" अवनि" बन
मुस्कुराते हुए आपसे बतियाते हुए
 अपने जीवन को अपनी लेखनी से
  एक नया आयाम देने  को 
 तैयार बैठी हूँ|

                                               उमा पाटनी अवनि 


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