साहित्य चक्र

09 February 2020

गाओ रे फाग मंगल गीत

वस आया एक नया 
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दिवस आया एक नया 
लेकर रंगों की सौगात 
गाओ रे फाग मंगल गीत 

दिवस आया एक नया 
गौरी रचाए सुंदर श्रृंगार 
बरसाये मंद-मंद प्रेम फुहार 

दिवस आया एक नया 
उढ़े रंग-गुलाल गली-गली
खिल उठीं सारीं कच्ची कली 

दिवस आया एक नया 
मिष्ठानों-पकवानों की महक 
फिर चंचल मन की चहक 

दिवस आया एक नया 
हो न होली में अति हुडदंग 
त्यौहार मनाओ प्रेमभाव के संग 

दिवस आया एक नया 
लेकर साथ खुशियाँ अपार 
मिल बांट बढ़ाओ प्यार 

                                     - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा


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