कल को क्यों हम याद करें
आज की क्यों ना बात करें,
छोटी सोच को त्याग हम
क्यों ना आत्मसात करें,
मिले जो पल खुशियों के
दर्द का क्यों संताप करें,
जीवन है, दुख तो आएगा
हरदम क्यों विलाप करें,
दृष्टिकोण बदलना होगा
नाकारत्मकता को दूर करें
खुद पर अटूट विश्वास रखकर
निस्वार्थ भाव से कर्म करें,
सच झूठ की उलझन से निकल
कर्म योग पर ध्यान करें,
दृढ़ संकल्प से आगे बढकर
हर तूफान को पार करें
कल को क्यों हम याद करें
आज की क्यों ना बात करें।।
अपराजिता मेरा अन्दाज़
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