नदियों में तैरती लाशें देख...
अस्पतालों में लगी लंबी लाइन देख...
बेरोजगारी की बढ़ती मार देख...
लगातार चढ़ती महंगाई की धार देख...
आज तू हकीकत देख...
जरा...
अपनी को खोने वालों का दर्द देख...
भूख से तड़पती गरीबी देख...
गिरती जीडीपी का हाल देख...
अंबानी-अडानी का बढ़ता माल देख...
तू हकीकत देख...
जरा...
पेट्रोल-तेल के दाम देख...
दिहाड़ी-मजदूरी का काम देख...
आयुर्वेद-एलोपैथ का जाम देख...
सबसे पहले देश का नाम देख...
तू हकीकत देख...
दीप 'मदिरा'
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