झोपड़ी में रहने वाले
लोगों का संसार अलग होता है।
ख्वाबों में महल और
ख्वाबों में जन्नत होता है।
इनका हाल दूसरा क्या जाने
सिवा,झोपड़ी वालों को छोड़कर।
झोपड़ी में भले ही धन नहीं होता है
लेकिन, दुनिया की सारी सुख उसमें होता है।
झोपड़ी में एकता,प्रेम बसता है
ईर्ष्या, लालच बाहर खड़ा रहता है।
कुमार किशन कीर्ति
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