समय जो बीत जाएगा,
कभी क्या लौट पाएगा ?
किसे मालूम क्या कल हो?
चलो जी लें इसी पल को।।
कि माना राह है दुर्गम,
मगर चलना हमें हरदम ।
भले कांटे मिले पग पग,
मगर हो पांव ना डगमग ।।
कि माना मुश्किलें आयीं,
घटा बन के यहाँ छायीं ।
मगर बिल्कुल न घबराना,
समय से जीत है जाना।।
बहारें लौट आएंगी,
फिजाएं मुस्कुराएंगी ।
तराने फिर सजाएंगे,
सुहाने गीत गाएंगे।।
वन्दना नामदेव
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