साहित्य चक्र

16 May 2021

घोर आश्चर्य है कि...



अब तक किया नहीं उन्होंने
गंगा में बहने वाली लाशों को
राष्ट्र की छवि धूमिल करने का आरोपी घोषित
और उन्हें नोंचने वाले
कुत्तों व गिद्धों को असली देशभक्त साबित।

अब तक किया नहीं उन्होंने
ऑक्सीजन व वेंटीलेटर की कमी से
तड़प-तड़पकर मरने वालों को
राष्ट्रविरोधियों का झूठा प्रचार घोषित
और ऑक्सीजन सिलेंडर व जीवन रक्षक दवाओं की
कालाबाजारी करने वालों को राष्ट्र-रक्षक साबित।

अब तक किया नहीं उन्होंने
विदेशी सहायता पर निर्भर होने की मजबूरी को 
एक बहुत बड़ी राष्ट्रीय शर्म घोषित
और इस आपदा में तन-मन-धन से
लोगों की सहायता करने वालों को
विदेशी सहायता प्राप्त आतंकवादी साबित।

शक हो रहा है कि
हमारी 'राष्ट्रवादी ट्रोल्स आर्मी' जिंदा है अब तक
या कोरोना के चलते निपट ली।

                                    जितेन्द्र 'कबीर'


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