शत - शत नमन है रविंद्रनाथ टैगोर
काव्य,दार्शनिक,साहित्य के सिरमौर ।
बांग्ला साहित्य जगत के थे युगदृष्टा
गुरुदेव नाम जाना जग में चहुओर ।।
जन-गण-मन बना भारत का राष्ट्रगान
आमार सोनार बांग्लादेश का राष्ट्रगान ।
लिखकर गुरुदेव ने दी एक नई चेतना
भारत से इन्हें ने ही मिला नोबल सम्मान ।।
जन-जन में वंदनीय है हमारे प्यारे टैगोर
इनकी रचनाएं कर देती है भावविभोर ।
है आप भारत गौरव,साहित्य मनीषी
आपका गुणगान हो रहा चहुंओर ।।
गोपाल कौशल
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