साहित्य चक्र

09 May 2021

मेरी दुनिया माँ का आँचल




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मुझे कहीं सच में मिल जायें, अगर कहीं भगवान।
और कहें यदि माँगो मुझसे, तुम कोई वरदान ।

अच्छे कपड़े और खिलौने, जो भी चाहो ले लो ।
गड्डे गुड़िया कार प्लेन ले, उनके सँग मे खेलो ।

या फिर जो अच्छी लगती हो, माँग मिठाई खाओ।
सोच समझ लो ठंडे मन से, जो माँगो सो पाओ ।

या फिर ले लो पँख सुनहले, पंछी बन उड़ जाओ।
या फिर तितली के पर ले लो, फूल- फूल इतराओ।

सूरज चंदा तारे ले लो, धवल चाँदनी प्यारी ।
जो भी माँगो पूरी होगी, इक्षा आज तुम्हारी ।

हाथ जोड़ कर करूँ प्रार्थना, विनती सुनो हमारी।
सारी दुनिया में सच मुझको, माँ है सबसे प्यारी ।

एक तरफ हैं सूरज चंदा, धरती अम्बर बादल ।
सिर पर मेरे तना रहे प्रभु, मेरी माँ का आँचल ।

                             श्याम सुन्दर श्रीवास्तव 'कोमल'


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