आतंकित मन अब हो उठा
संयम धीरज सब तोड़कर
भय से हैं भयभीत हो उठा
करोना के पुनः आगमन से
मानस हृदय पीड़ित हो उठा।।
कहर ढ़ा रहा ये कोरोना
पंख फैलाये उड़ रहा है
हुई जरा सी चूक से ये
पकड़ में अपनी ले रहा ।।
रखिए पूरा अपना ध्यान,
चूक न होने पाए कोई भी
नही मिलाना किसी से हाथ
आपकी सुरक्षा अब आपके हाथ।।
देश हित मैं करे ये काज
करोना को अब हराना है
स्वच्छता पर देकर ध्यान ,
जन जन मैं जागरूकता लाना है।।
खाकर पीकर मस्त रहे सब
फिजूल न निकले घर से आप
कोरोना की लहर है बाहर
हमको संतुलन बनाना है।।
प्रतिभा दुबे
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