नियम बनाना होता आसान ,
पर चलना उन पर बड़ा कठिन होता
पर नियमों का पालन जब हम करते
व्यवस्थित जीवन का ढंग होता
यातायात हिस्सा हमारे नित प्रतिदिन का
बिन जिसके जीवन लगे ठहरा सा
पर फिर भी यातायात नियमों का पालन करते से
इंसान ना जाने क्यों चूकता
आसान नियम जो हम सीखते पाठशाला से
कैसे पालन करना है
लाल,हरी पीली बत्ती के जलने को समझना है
पर हम को रहती सदा ही जल्दी
ना रुकना चाहते हम यातायात सिग्नल पर
कही किसी से टकरा गए फिर
जान आती हथेली पर
ना हमको लाइसेंस की जरुरत
न हेलमेट का प्रयोग हम करते
१८ साल के हुए नहीं और
बच्चों को वाहन चलाने हम देते
यह ना भूले जान है कीमती
फिर वापस ना आएगी
नशे में रह कर ना चला वाहन तू बन्दे
मुश्किल में जिंदगी तेरी ही नहीं
किसी और की भी आएगी
हमारी इक भूल के कारण जब
बुझता चिराग किसी घर का है
सालों लग जाते इंसाफ पाने को
कोर्ट में तारीख के सिवा ना कुछ भी मिलता है
नंदिनी लहेजा
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