सतयुग मे आए त्रेता मे आए पर अब कलयुग की बारी है
जहर फैल चुका हवा मे तभी तुम्हे माँ धरती पुकारी है
इंसानो के बस से बाहर बात , श्मशानो मे बची जगह नही
प्रभु बच्चों से लेकर बुढों तक सब पर पड़ा ये काल भारी है
- मनन तिवारी
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