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मौत का ये बन्ध भी कट जाएगा
पल खुशी का शीघ्र वापस आएगा।
हौसला ना हार जाना यार तुम
खेल खत्म दुख का भी हो जाएगा।
कब रहा है राज दुख का ही सदा
रात के हर बाद सुबह आएगा।
आह आंसू हक नहीं लेना किसी का
फैसला सबका यहीं हो जाएगा।
मौत देखो नाचता दर पर सभी के
जो भला है बस वहीं बच जाएगा।
घिर के आया है अंधेरा हर तरफ
क्या हुआ बादल ये भी छंट जाएगा।
रौशनी हो जाएगी फिर से जहां में
नेकिया ही काम सबके आएगा।
मत बुरा सोचो बुरा देखो करो ना
साथ तेरे सोच क्या क्या जाएगा ??
ज़िंदगी लगा किसी का दांव पर
नकली दवा को बेच तू पछताएगा।
क्या बतायेगा खुदा के सामने तू
लेखा घोटालों का पूछा जाएगा।
बेंच कर इंसान की इंसानियत
क्या कभी धनवान तू बन पाएगा??
सच बोलना क्या चैन तुझको आयेगा??
मौत का सौदागर तू कहलाएगा।
मणि बेन द्विवेदी
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