मां तुम एक विचार हो,
मेरी आध्यात्मिकता का आधार हो ,
मैं जब भी सोया और जागा ,
तो पाया कि मेरे सपनों का संसार हो ।
मां तुम एक विचार हो ।।1।।
रिश्तो में आदि और अंत हो ,
जीवन का अंतिम बसंत हो ,
गांव की बेटी, बहना, देवी बनकर रहीं ,
आज भी निराकार होकर आकार हो ,
मां एक विचार हो ।।2।।
मन बुद्धि आत्मा की एक सहज अनुभूति हो,
सभ्यता संस्कृति व परंपरा की प्रतिमूर्ति हो ,
रिश्ते का कभी नहीं किया अंत ,
हो पतझड़ चाहे हो बसंत ,
आत्मा में परमात्मा का साक्षात्कार हो ,
मां तुम एक विचार हो ।।3।।
"मुल्क मंजरी"
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