कोई हमको प्यार करे
दो पल आँखे चार करे
साझे कर ज़ज़्बात सभी
जीवन को उपहार करे
अपनी पाक मुहब्बत का
खुलकर ही इकरार करे
गुल बनकर मन गुलशन का
रिश्तों को गुलजार करे
हम सँग सुख दुख का दरिया
हाथ थाम कर पार करे
साथ रहें "अंचल" प्रतिपल
ऐसा अटल करार करे।
ममता शर्मा 'अंचल'
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