साहित्य चक्र

10 July 2021

धूम्रपान से आज एक शव घर आया है ?



इस मुश्किल समय में पापा
डॉक्टर की बात सुनना जरूरी है ?

अपने परिवार के लिए आपको
जिंदा रहना भी जरूरी है।
ये कितना धूम्रपान करते हो ?

मरने से नही डरते हो।
सारे कमरे में धुआं भर गया ?

सांस लेना भी दुर्भर हों गया
अपना मुन्ना भी कमरे पढ़ रहा ?

लेकिन पापा आपको कुछ फर्क 
ना पड़ रहा।
रोज कमेरे में ये कैसे कश लगाते हो ?

मना करने पे मम्मी को ही मारते हो ?
ये धूम्रपान करके हम सबपे जुर्म
करते हो।

ये कैसी नादानी है ? 
ये कैसा अत्याचार है ?
दाने दाने को मोहताज हमारा
परिवार है।

ये कैसे कश लगाते हो ? 
रोज अपने ही पैसे आप
कैसे यूं उड़ाते हो ?
घर का खर्च उठाने को
आप मम्मी से दूसरो 
के घर बर्तन मजवांते हो।

ये कैसी भीड़ छाई है ?
लगता कोई विपत्ति आई है ?
मेरे आँशू नही थम रहे ?

लगता मांँ घर के सामने 
पिता जी का शव आया है।

ये कश पे कश लग रहे
धूम्रपान का अंजाम देखो 
सामने से कैसे आया है ?
मुन्ना फफक के रो रहा ?
कैसे शव से लिपट के
सो रहा ?

धूम्रपान का अंजाम देख 
दुनिया कैसे आहत हो रही ?
आज धूम्रपान से करने से
एक इंसान के,
शरीर की कैसी हालत हो रही ?
मम्मी धूम्रपान से क्या क्या 
रोग होता है ?
धूम्रपान करने से जीवन 
दुर्भर कैसे होता है ?
मम्मी रोते रोते अपना
हाल ए गम बताती है ?
मेरे प्यारे बेटे धूम्रपान करने 
से आंँख की नमी कम हो जाती है।

धूम्रपान करने से नजर धुंधली
और आंँख में खुजली भी हो जाती है।

धूम्रपान से मेरे बेटे कैंसर और
फेफड़े भी खराब हो जाते है।

और यही नहीं मेरे प्यारे मुन्ना
धूम्रपान से,
मोतियाबिंद थॉयराइड मधुमेह
भी हो जाते है।
आज मैं आप सभी के 
सामने हाथ जोड़ कहती हूंँ।

धूम्रपान ना करने की अपील
 मैं सभी से करती हूँ।

धूम्रपान करने से आज
मेरे पति ने अपनी जान गवाई है।

धूम्रपान ने आज फिर से किसी 
एक घर का चिराग भी बुझाया है ?


                                                 राजेश 'बनारसी बाबू'


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