कलम सिपाही प्रेमचंद ने,
मानव चरित्र का आख्यान लिखा।
धनपत राय श्रीवास्तव से,
प्रेमचंद हो,
जीवन का संपूर्ण व्यवधान लिखा।
कलम सिपाही प्रेमचंद ने,
समाज में फैली बुराइयों को,
दूर करने का संकल्प लिखा।
मानसरोवर के आठ भागों में,
देकर कहानियों के 301 मोती।
उस युग का महा त्राण लिखा।
कलम सिपाही प्रेमचंद ने,
मानव चरित्र का आख्यान लिखा।
कर्मभूमि की राहों में,
रंगभूमि का नया आयाम लिखा।
नारी की दुर्दशा सहेज कर,
मंगलसूत्र का प्राण लिखा।
विधवा विवाह की कर अगवाही,
कायाकल्प का आगाज़ लिखा।
कलम सिपाही प्रेमचंद ने,
मानव चरित्र का आख्यान लिखा।
देकर नवजीवन,
नवल सोच साहित्य को,
वह कथा सम्राट
नौ कहानी संग्रह,
नौ उपन्यास का,
कर योग गया।
प्रथम अनमोल रत्न साहित्य का,
कर गोदान,
कफन में ,
लिख जीवन सारांश का,
अंत गया।
प्रीति शर्मा "असीम "
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