साहित्य चक्र

31 July 2021

सच्ची मित्रता


        


कृष्ण - सुदामा  जैसे  मेरे मित्र
पग-पग पर साथ निभाते मित्र ।
महकतें आदर्श जिनके सर्वत्र 
सार्थक भाव का लगाकर इत्र ॥


दोस्ती है तो  जिंदगी  है  पवित्र
रब  की  ऐसी   बंदगी  है  मित्र ।
सुख  और   दुःख  का   साथी
अंधेरे मे उजाले की बाती मित्र ।।


पढ लेना मन की किताब मित्र
मित्रता महकता गुलाब विचित्र । 
मित्रता का खजाना बेशुमार है,
जिंदगी में उपहार है सच्चा मित्र ।।


मित्रता को तोड़ न पाएं  कोई तंत्र 
ऐसा है सच्ची मित्रता का महामंत्र ।
बनाओं जीवन में खुशीयों के चित्र
ईश्वर भी कहें, बनें सबके ऐसे मित्र ॥

         
                                      गोपाल कौशल


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