साहित्य चक्र

11 July 2021

सात्विक प्रेम



हर रिश्ते में प्यार होना बेहद जरूरी है, क्योंकि बिना प्यार और सम्मान के रिश्ते नहीं चल सकते हैं। हमारी जिंदगी में प्यार की बहुत महत्वता है। लेकिन प्यार क्या है? इसका अर्थ क्या है? इस बारे में हम लोगों की अपनी-अपनी विचारधारा है। जिस व्यक्ति के जैसे विचार होते हैं उसे प्यार का वैसा ही अर्थ मिलता है। माता-पिता, दोस्त, भाई-बहन, अध्यापक आदि सबसे हमें प्यार मिलता है। ये हमारी सोच ही है कि हम इसे किस नजरिये से देखते हैं।



          प्यार एक ऐसा शब्द है, जिस में कुदरत की कोमल भावनाएं छिपी हैं. एकदूसरे की भावनाओं का एहसास कराता है प्यार। साहित्यकारों का मानना है कि प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है।प्यार में कोई जोरजबरदस्ती नहीं चलती। प्यार में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं। जिस तरह एक लंबे समय तक चलने वाले रिश्ते को बनाने के लिए प्यार जरूरी है, उसी तरह स्नेह भी। बिना प्यार के प्यार किसी भी रिश्ते को नीरस और बेजान बना सकता है। दूसरे व्यक्ति के प्रति स्नेह दिखाना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह हर रिश्ते के लिए सच है। यह एक खुशहाल रिश्ते की कुंजी है। उदाहरण के लिए, माता-पिता अपने बच्चों से प्यार करते हैं। वे बलिदान करते हैं और अपने बच्चों के प्रति निस्वार्थ भाव से उनके प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं।


            प्यार किसी भी रिश्ते का आधार बनता है, एक खुशहाल रिश्ते के लिए प्यार की भावना ही काफी नहीं है। एक रिश्ते को पोषित करने के लिए कई अन्य चीजों की आवश्यकता होती है। मिसाल के तौर पर, माता-पिता को अपने बच्चों से प्यार करने के अलावा उनके बच्चों को सुरक्षा और सुरक्षा की भावना प्रदान करनी चाहिए।

           प्यार बहुत सुकोमल और गुलाबी रिश्ता है, छुई-मुई की नाजुक पंक्तियों की तरह। अंगुली उठाने पर कुम्हला जाता हैं यह रिश्ता। इसलिए प्यार करने से पहले अंतर्मन की चेतावनी व परामर्श सुनना, समझना और स्वीकार करना नितांत जरूरी है। अटूट प्यार के लिए उसकी बुनियाद में कुछ विशिष्‍ट भावों का होना आवश्यक है।

सच्चाई, ईमानदारी, परस्पर समझदारी, अमिट विश्वास, पारदर्शिता, समर्पण भावना और एक-दूजे के प्रति सम्मान जैसे श्रेष्‍ठ ‍तत्व प्यार की पहली जरूरत है।

          यह तभी प्राप्त किया जा सकता है जब वे अपनी सभी जिम्मेदारियों को ठीक से पूरा करें। दूसरी ओर बच्चों को न केवल अपने माता-पिता से प्यार करना चाहिए, बल्कि एक स्वस्थ संबंध बनाने के लिए उनका सम्मान करना चाहिए और उनका पालन करना चाहिए।प्यार लोगों को करीब लाता है और किसी भी रिश्ते को खूबसूरत बनाने की ताकत रखता है। हमें प्यार के महत्व को पहचानना चाहिए और रिश्तों में इसे व्यक्त करने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए।


                                          प्रफुल्ल सिंह 'बेचैन कलम'


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