साहित्य चक्र

24 July 2021

मेरे पापा




एक ऐसा शख्स 
जो सबसे प्यारा, सबसे न्यारा
पापा ,बाप ,पिता,नाम अनेक 
पर इंसान एक है !!

वो इंसान है ,जो सबसे महान है,
यह वो इंसान है 
जो अपने बच्चों के लिए शक्तिमान है !!

आज भी मेरी फरमाइश से कम नहीं होती
तंगी के आलम में भी पापा की आंखें कभी नाम नहीं होती !!
बिना कहे मेरी हर मांग को पूरी करते देखा है,
मैंने अपने पापा को कभी ना करते नहीं देखा !!

पापा की जगह कोई नहीं ले सकता,
उनके अलावा को प्यार कोई नहीं दे सकता !!
इस गिरती दुनिया में ,
मैंने एक सहारे को देखा है !!

इस भागती हुई भीड़ में ,
मैंने अपने पिता को देखा है!!
दिन रात एक करके,
अपने परिवार को पालते देखा है!!

स्वर्ग है हमारा और वो हमारी पूजा
उनके जैसा दुनिया में ना कोई दूजा!!

पापा वो इंसान है 
जो हर सुख को त्याग कर,
अपने बच्चों के लिए जीते हैं!!

पापा वो है 
जो जिंदगी में हार कर भी
अपने बच्चों को जीता देते हैं!!

मेरा साहस ,मेरी इज्जत ,मेरी ताकत मेरे पापा 
मेरा मान ,मेरा सम्मान, मेरी पहचान है मेरे पापा।।


                                             राधा पटेल


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