साहित्य चक्र

31 July 2021

रिमझिम बारिश

बारिश के साथ हवा का झूमना और मेरा वही थम जाना,
बारिश आज कुछ इस अंदाज से बरस रही है,
कि हवा को भी अपने साथ ले रही हैं। 
बारिश का यू बरसना, और हवा का यू बहना,
जैसे सावन के महीने में कोयल किसी की याद में गाना गुनगुना रही हैं।





बारिश का कभी तेज और कभी धीरे बरसना,
और मन मे एक हलचल सी मच जाना।
कही ना कहीं उसके साथ मेरा झूम जाने की आरजू सी बन जाना। 
हा बारिश के साथ हवा का झूमना और मेरा वही थम जाना।


ठंडी हवा का मेरे गालों को छूना,
और मेरा सिकुड़ के बैठ जाना,
और उस रिमझिम होती बारिश को महसूस करना,
और चुपचाप बैठे उसको देखते रहना,
कही ना कहीं मेरा इस बारिश और हवा के प्यार में ओझल हो जाना।
हा बारिश के साथ हवा का झूमना और मेरा वही थम जाना।


                       किरन कुमारी



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