तान पर जब उनकी उंगलियां थिरकती,
सुरों की गंगा हर दिल में बहती।
संगीत के जादूगर, तबले के उस्ताद,
जाकिर हुसैन हैं भारत का परचम उज्ज्वल।
पिता का आशीर्वाद, उस्ताद अल्ला रक्खा की छाया,
संगीत के आंगन में बचपन से पाया।
तबले की थाप से जग को झुकाया,
हर मंच को अपनी साधना से सजाया।
सुर और ताल का अनुपम संगम,
दुनिया में गूंजा भारत का संगम।
फ्यूजन का जादू, परंपरा का मान,
जाकिर हुसैन का संगीत है वरदान।
हर थाप में बसती है आत्मा की पुकार,
हर राग में छिपा है उनका संसार।
सादगी, प्रतिभा, और संगीत का नाता,
जाकिर हुसैन ने विश्व को समृद्धि से नहलाया।
संगीत के इस साधक को नमन हमारा,
जिन्होंने तबले को बनाया विश्व का सितारा।
गुरु की विरासत को सहेजते चलो,
जाकिर हुसैन के सुरों से जीवन महकने दो।
- डॉ.सारिका ठाकुर “जागृति”
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