दीवार पर अंतिम तस्वीर
मात्र तस्वीर नहीं है ये
जो दीवार पर टँगी है।
तमाम जिंदगी की यादें
समेट के लटकी है।।
मत सोच की तस्वीर
एकाकी है दीवार पर।
जिंदगी की थकान लिए
सिमटी है तस्वीर पर।।
पड़ाव का अंतिम चित्र
फिर भी कितना प्यारा
समय बांध समाए सब काल
पिरोए जिंदगी के ख्याल
राज शर्मा
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