साहित्य चक्र

18 April 2020

एकाकी है दीवार

दीवार पर अंतिम तस्वीर 


मात्र तस्वीर नहीं है ये
जो दीवार पर टँगी है।
तमाम जिंदगी की यादें 
समेट के लटकी है।।

मत सोच की तस्वीर
एकाकी है दीवार पर।
जिंदगी की थकान लिए 
सिमटी है तस्वीर पर।।

पड़ाव का अंतिम चित्र 
फिर भी कितना प्यारा
समय बांध समाए सब काल 
पिरोए जिंदगी के ख्याल

                                      राज शर्मा


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