साहित्य चक्र

26 April 2020

दोहा-2020

*दोहा छंद*
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रे *बम्बिलवा* चीन तै, खाथस अड़बड़ मास।
तोरे कारण देख ले, गिरते हाबे लास।।

रंग बिरंगी जीव ला, करथस टुकड़ा चार।
धार बहा के खून के, खाथस वोला मार।।

*बिलई* आँखी तोर हे, मकड़ी कस हे चाल।
बना के इहाँ वायरस, बुनते हाबस जाल।।

पदरा पाकिस्तान हा, छोड़े गैस हजार।
ढेला पथरा मारथे, देख ले कई बार।।

का उखाड़बे देस के, तै हा पाकिस्तान।
झूठ लबारी बोल झन, बात ला मोर मान।।

*मंदिर मस्जिद* के इहाँ, देथस सबला ज्ञान।
सबो जीव ला मारके, लेथस वोकर जान।।

 *मानवता* ला आदमी, आज *भुलागे*   यार ।
बढ़ते हाबे पाप हा, होवत अत्याचार।।

कतको पढ़ *गीता* इहाँ, या फेर पढ़ *नमाज* ।
*मानवता बिन जग कहाँ, सुन लो जम्मो आज।।


                                     भास्कर वर्मा


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