साहित्य चक्र

18 April 2020

कोरोना को फैलने से रोकना

घर पर रहना



पुलिस खडी है गली और बाग
मत घूमो अभी कोई भी पार्क।।

जिधर देखो उधर सूनसान
बात मानो मत बनाओ अश्मशान ।।

डगर-डगर नगर-नगर पुलिस खडी
मत जाना कही यह आफत बड़ी।।

लठ भांजने का नहीं कम्पीटीशन 
मत आना तुम रेलवे स्टेशन।।

पुलिस खड़ी है बस स्टैण्ड
आने जाने का कोई नही ट्रेण्ड।।

गली गली में सेनेटाइजर पडी 
आपके लिए पुलिस खड़ी।।

ना माने तो पीटेंगे लठ्ठ से 
निकलो नही तुम सब अपने घर से।।

नियम न तोडो मानो तुम दिल से
वो दिन भी आएँगे विश्वास करो मन से।।

जीतेंगे हम यह जंग भी 
घर से लडो कुछ दिन तुम भी।।

बहाना नहीं बनाना अगर मगर
साथ लाना कोई जरूरी खबर।।

कट ही जाएँगे हर वह काली रात
जो अगर मानोगे प्रशासन की बात।।

कोरोना को फैलने से रोकना
यही है पूरे बंदी में सोचना।।

बढाओ हाथ अपना मानो कहना
घर पर रहना घर पर रहना।।

                                      आशुतोष

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