साहित्य चक्र

28 April 2020

एक वैश्या की कहानी


यह बात एक साल पुरानी है, जब मेरे दोस्तों ने मुझे बोला तुम्हें किसी रंडी (वैश्या) का इंटरव्यू करना चाहिए। अक्सर हमारी इस पर चर्चा हुआ करती थी। फिर होना क्या था मैं पागल था और एक दिन मैं चल दिया रात के 8:00 बजे एक बैग लटका कर व एक फोन मेरे हाथ में, 500-600 रूपये साथ में एक एटीएम जिसमें 2000 से ऊपर नहीं थे। इसलिए क्योंकि मुझे डर था अगर मैं कहीं इन्हीं कुछ बदमाशों से पकड़ा गया या गिर गया तो मेरे सारी पैसे खत्म हो जाएंगे इसलिए मैं कम पैसे और एकदम सुरक्षा के साथ गया था।



रात के 8:00 बजे खाना खाकर मैं मेट्रो से निकल गया। करीब 9:00 बजे के आसपास में दिल्ली के उस एरिया में पहुंचा जहां जोर-शोर से वैश्यावृत्ति का कारोबार फलता-फूलता है। दोस्तों की बातों से मेरे दिमाग में कई सवाल पैदा हो रहे थे और दोस्त भी जानना चाह रहे होंगे कि आखिर एक वैश्या (रंडी) से यह क्या जान सकता है ?


सड़कों पर कुछ लोग इशारा कर रहे थे, जिसमें 12, 15, 18 साल तक के बच्चे और किशोर भी थे। मैंने करीब 15 साल के लड़के से पूछा, भैया मुझे रूम चाहिए तो उसने मुझे बोला लड़की भी मिल जाएगी। मैंने उसे बोला मुझे सिर्फ रूम चाहिए। उसने बोला बिना लड़की के बिना रूम नहीं मिलेगा। मगर मैं तो मन में सोच कर आया था कि मुझे सिर्फ एक रंडी का इंटरव्यू चाहिए। मैंने उससे पूछा कि रूम का रेंट कितना होगा और जो लड़की आएगी वह कितना पैसा लेगी। उसने साफ शब्दों में कहा ₹2000 लड़की के ₹1000 कमरे का..! मेरे पास इतने पैसे नहीं थे, क्योंकि मैं सिर्फ सुरक्षा के तौर पर ₹2000 पड़े एटीएम को लेकर गया था। वह लड़का बहुत चालाक था, बात करते-करते मुझे अपनी बातों में फंसाने की कोशिश करने लग गया। मैंने बोला चलो मुझे रूम दिखाओ। पहले मैं देखता हूं कि आपके रूम सही या नहीं। 


वह लड़का मुझे गली-गली घुमा कर एक होटल में लेकर गया, जबकि वह होटल मेन रोड से चार कदम की दूरी पर था। ऐसे ही बातचीत करते करते मैंने पूछा तुम पढ़ाई क्यों नहीं करते हो ? उसने साफ शब्दों में बोला साहिब हमारा नसीब ही कहां है। मैंने कहा क्यों ? ऐसा क्यों बोल रहे हो ? तुम रहने वाले कहां से हो और यहां कैसे पहुंचे हो कोई अच्छी सी जॉब करते हैं ? 


साहिब बिहार का रहने वाला यह मत पूछेगा बिहार कहां रहते हैं। मेरे पिताजी को गांव वालों ने मिलकर मार दिया। घर में मां बहने और भाई लोग हैं। अपने परिवार का दुख नहीं देखा जा रहा था तो घर से भाग कर आ गया कि अपने घर और परिवार की कोई मदद करूंगा। मैंने तुरंत बोला तू इस काम पर क्यों पड़े हो। उसने साफ बोला साहिब यह काम जरूर गंदा है, मगर यहां पैसे एकदम सही मिलते हैं। मैंने कहा अच्छा...! मैंने उसे रोका उसे कंधों में हाथ रखा और उससे बोला अगर तुम मेरी छोटी सी मदद करोगे तो मैं तुम्हें ₹1000 दे सकता हूं। मगर पैसे काम होने के बाद ही मिलेगा। उसने कहा कैसी मदद..? मैंने उसे साफ बोला कि मुझे एक रंडी का इंटरव्यू चाहिए। उसने बोला यह काम तो बहुत ही कठिन है और शायद ही हो पाएगा। मैंने उसको बोला मेरे माथे पर सी तो नहीं लिखा है। क्यों नहीं हो पाएगा ? 


जैसे ही हम होटल में पहुंचे तो वहां पर दो लोग और थे। एक मेरे चाचा के उम्र का होगा करीब 40 से 45 वर्ष का, मगर उससे बोले तो बोले कैसे ? भले ही वह मेरे रिश्तेदार ना हो मगर एक उम्र का अंतर तो होता ही है। मैंने उसे बोला भाई कमरे कितने का मिलेगा। उसने बोला 1000- 2000, मैंने कहा मुझे सिर्फ सुबह 5:00 बजे तक रुकना था। हो सकता है मैं 5:00 बजे से पहले खाली कर दूं। उसने कहा ठीक है आप ऐसा करना ₹800 दे देना, मैंने कहा 800 नहीं ₹600 दूंगा। मैं कमरे देखने गया, उस दौरान उस अंकल ने मेरे से पूछा क्या लड़की भी चाहिए ?   


मैंने कहा- हां मगर मुझे सिर्फ उसका इंटरव्यू लेना है। जैसे ही मैंने इंटरव्यू का नाम लिया तो उसे मुझे कमरा देने के लिए मना कर दिया। मैंने उसे साफ कहा मुझे सिर्फ इंटरव्यू लेना है बाकी मुझे आपके इस काम में कुछ दखलअंदाजी नहीं करनी है। उसने कहा ठीक है, मगर पैसे लगेंगे। मैंने कहा कितने ? आधे घंटे का 1000 और 15 मिनट का ₹500, हां एक घंटा का ₹2500। मैंने उससे बोला मैं ₹1000 दूंगा, मगर मैं चुनाव करूंगा मैं किसका इंटरव्यू करूंगा। उसने कहा मेरी भी एक शर्त है आपके साथ में एक लड़का हमारा बैठेगा। मैंने कहा मुझे कोई आपत्ति नहीं है। 


जैसे ही वह व्यक्ति मुझे एक बंद कोठरी में लेकर गया, मैं अचंभित हो गया, जो फिल्मों में दिखाया करते थे, वह आज मैं अपनी आंखों से देख रहा था। करीब 8-10 महिलाएं वहां क्रमशः अलग-अलग कपड़े पहने बैठी थी। सभी महिलाएं करीब 25, 30, 35 उम्र के होंगे। यह मेरे जीवन की पहली घटना है, जो मैंने अभी तक अपने पिताजी को नहीं बताई है। मेरे पिताजी मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। उन सभी महिलाओं में एक अलग बैठी हुई थी और फोन पर बात कर रही थी। उसने जींस टी-शर्ट के साथ टोपी पहनी थी। मैंने बाहर आकर उस अंकल से बोला मुझे इस लड़की का इंटरव्यू करना है। करीब 5 मिनट बाद उस लड़की के साथ एक लड़का मेरे कमरे में आ गया। मैं लड़की से हाथ मिलाते हुए, अपना नाम बताया और उसने मुझे अपना नाम बताया। मैंने उससे पूछा क्या आपको पता है कि मैं आपका इंटरव्यू करना चाहता हूं ? उसने मुझे जवाब दिया तुम मेरे बारे में जानकर क्या करोगे ? क्यों मेरे जख्मों में नमक डालना चाहते हो। मैंने कहा आप लोगों के बारे में मेरे दोस्त लोग अलग-अलग कहानियां बताते और अलग-अलग बातें करते हैं। इसलिए मैं जानना चाहता हूं कि क्या सभी की कहानी एक जैसी होती है या फिर कुछ अलग ही होती है। 


मेरा समय बीता जा रहा था करीब 2 मिनट बीत चुके होंगे। उसने कहा ठीक है मैं बताऊंगी मगर कमरे की लाइट ऑफ रहेगी। मैंने उसे पूछा क्या मैं तुम्हारी बातों को रिकॉर्ड कर सकता हूं। उसने मेरे से कहा- मैंने अभी तक के जीवन में तुम्हारे जैसा व्यक्ति नहीं देखा। जो मेरी हम उम्र का हो और वो सिर्फ इतनी सी बात जानने के लिए यहां पहुंच गया। मेरे पास उस समय किसी न्यूज़ चैनल का कार्ड था। मैंने उसे कार्ड दिखाते हुए कहा अगर मैं चाहता तो मैं यहां आप लोगों को बंद भी करवा सकता हूं।   मुझे तो बस सिर्फ इतना जानना है- आखिर इस वेश्यावृति में महिलाएं कैसे आती है और क्यों आती है ?  


उस लड़के ने गुस्सा करते हुए कहा- तुम लोग क्या जानो हम लोगों का दर्द, तुम लोगों को तो सिर्फ अपनी हवस बुझानी होती है। तुम्हारे घर में बीवी बच्चे सब होने के बावजूद भी तुम लोग हमारे पास आते हो और कुछ पैसे देकर तुम यह सोचते हो कि हमने इस पर एहसान किया है। मैंने उससे कहा तुम गुस्सा मत करो, मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो आप लोगों को इंसान नहीं सिर्फ हवस मिटाने की चीज समझते हैं। अगर मुझे अपनी हवस ही मिटाने होती तो मैं भी पैसे देकर तुम्हारे साथ थोड़ी देर सेक्स करके चला जाता। मगर मुझे जानना है- वो इसलिए क्योंकि मुझे इस हकीकत का पता चले कि आखिर इस कारोबार में कोई क्यों आता है कैसे आता है ? मैं किसी की सुनी सुनाई बातों में नहीं आता वो जब तक मैं अपने कानों से सुन नहीं लेता और अपने आंखों से पढ़ नहीं लेता। बाकी तुम्हारी मर्जी है अगर तुम बताना चाहती हो अपने बारे में तो बता सकती हो, नहीं तो तुम आराम से जा सकती हो।


उस वेश्या के आंखों में मैंने आंसू देखें, जो दूसरा लड़का था वह बोल- बहुत हो गया अब कुछ नहीं बोलना है। मैंने कहा क्यों अभी तो 10 मिनट हुए हैं। मैंने उस लड़की से बोला और पूछा- क्या आप मुझे अपने बारे में बताना चाहते हैं ? 


उस लड़की ने अपनी आंखें बंद की और रोते हुए कहा- मैं पश्चिम बंगाल की हूं, मेरे गांव से बांग्लादेश नजदीक होता है। मेरे गांव का एक व्यक्ति मुझे कोलकाता में नौकरी के बहाने मेरे घर से लेकर आया। जब मैं कोलकाता पहुंची तो उसने मुझे ऐसी जगह में बेच दिया। करीब उस समय मेरी उम्र 14-15 साल होगी। करीब 3 साल मैंने कोलकाता के उस स्थान पर काम किया। उसके बाद मुझे राजस्थान में बेच दिया गया। राजस्थान में करीब 3 या 4 साल काम किया। इस काम का वसूल है जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ेगी वैसे वैसे आप का रेट गिरेगा। करीब 35 से 40 साल के बाद आप काम करने लायक नहीं रह जाते हैं। जब मुझे राजस्थान में सही पैसा नहीं मिला तो उसके बाद मैंने दिल्ली आने का फैसला किया। जहां मैं पिछले 5-6 सालों से काम कर रही हूं। किराए का एक छोटा सा रूम लिया है, वही रहती हो और रात में अपने इस काम में आ जाती हूं। 


इस काम में आपको ज्यादातर बंगाल, बांग्लादेश, नेपाल और दिल्ली की कुछ कॉलेज गर्ल्स देखने को मिलेंगी। कोई भी इस काम को अपने शौक से नहीं करता हैं, या तो वह पैसा कमाना चाहता है या फिर वह इस दलदल में फेंका गया है। जैसे नौकरी के बहाने मुझे इस दलदल में फेंका गया। हां आज इस कार्य को बहुत सारे लोग करना चाहते हैं। हमारे बारे में कोई नहीं सोचता है। हम एक गरीब से लेकर एक नेता तक की हवस बुझाते हैं। लोग पैसा देते हैं मगर यह सोचते हैं कि यह इंसान नहीं है। 


मैं उन सभी स्त्रियों से कहना चाहती हूं कि आप अपने मर्द से इतना प्रेम करो कि उन्हें हमारी जरूरत ही महसूस ना हो। मैं उन मर्दों से भी कहती हूं जो स्त्री को यानि हमें सिर्फ हवस बुझाने की चीज समझते हैं। क्या आप जितना प्रेम हमें दिखाते हैं, कभी आपने इतना प्रेम अपनी पत्नी से किया। आप स्त्री को हवस बुझाने की चीज ना समझ कर तो देखिए। जो आप हमारे साथ करते हैं, जरा सोचो अगर ऐसे ही आपकी पत्नी, बहन किसी और के साथ करवाएं तो क्या आप खुश रहेंगे ? कभी नहीं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं- हे ईश्वर ऐसा जीवन किसी भी प्राणी को ना दें। हमें अपने आप से ही घृणा हो गई है। 


उस वेश्या ने आगे जो कहा मैं वह बात आप लोगों तक शेयर नहीं कर सकता, मैंने उसे वादा किया था कि मैं सिर्फ आपकी इतनी ही बातें लोगों तक शेयर करूंगा। 


इस साक्षात्कार के बाद मुझे समझ आ गया कि आज भी हमारा समाज स्त्री को किस नजरिए से देखता है और आज भी मजबूर, गरीब, वंचित का शोषण पैसे के नाम पर कैसे किया जाता है। जरा सोचिए अगर इसी प्रकार हमारे- आपके घर की किसी लड़की को नौकरी, पैसे के झांसे में रखकर इस वेश्यावृत्ति में धकेल दिया जाएगा तो क्या होगा ?

                                           



नोट- अगर आपको मेरी इन बातों में जरा सी भी विश्वास और हकीकत नजर आती है, तो आप इसे शेयर कर सकते हैं। वैसे मेरे इस लेख को पढ़ने के बाद मेरे जानने वाले मेरे बारे में अलग-अलग धारणाएं बनाएंगे। जिन धारणाओं से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि मैंने अपने मम्मी-पापा को वचन दिया है, कि मैं कुछ भी गलत नहीं करूंगा। 



                                                             दीपक कोहली 'पागल'


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