साहित्य चक्र

29 April 2020

" जान तो जहान "


दुनिया की सारी ताकत
घुटनों के नीचे ला डाली
कुछ ही पल में इंसानों को
उनकी  औकात बता डाली


ना याद रहा अब चन्द्रायण
सब भूल गए अब मंगलायन
एक नन्ही सी चींटी ने घुस
हाथी की मौत बुला  डाली


तरह तरह के प्रयोगो का
भोग रहे फल लोग सभी
अपने ही हाथों से अपने
हाथों आरी चलवा डाली

परमाणु  शक्ति के मद में
चूर हुए जो बैठें हैं
इक अदने से विषाणु से
सत्ता उनकी  हिलवा डाली


'जान है तो जहान है 'नही
समझ पाए जो लोग अभी
ऐसे भटके इंसानों को
मृत्यु की राह बता डाली


प्रकति  से  ना छेड़छाड़ कर 
इक दिन  फिर  पछताएगा
आने वाले कल की 'अंजू '
उसने इक झलक दिखा डाली 


                                    अंजलि गोयल 'अंजू'

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