उठो राम के वंशज,
तुमको देश पुकार रहा।
जयचंदो की संतानों से
थर थर देश कांप रहा।
कल्कि का अवतार धर
युगपुरुष तुमको पुकार रहा।
एक अकेला मोदी,
शेर की तरह दहाड़ रहा।
महापुरुषों के बलिदानो का
कुछ तो अभिमान करो ।
वीर शहीदों के खून का
ना तुम अपमान करो ।
उठो राम के वंशज
तुमको देश पुकार रहा।
बहुत झगड़े मजहब पर
धर्म को ना तुम बदनाम करो।
सबका मालिक एक है
मानव का तुम सम्मान करो।
ऋषियों की तुम संतान हो
खुद पर तुम अभिमान करो।
संकट जो आए देश पर
मिलकर तुम प्रतिकार करो।
उठो राम के वंशज
तुमको देश पुकार रहा
कमल राठौर साहिल
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