चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की
नौवीं तिथि जब आती है
नवरात्रों का होता है समापन
इस दिन राम नवमीं मनाई जाती है
श्रीराम ने इस दिन धरती पर
करने को सृस्टि का उद्धार
मानव रूप में जन्म लिया था
विष्णु का सातवां था अवतार
दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र थे राम
लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न थे भाई
सीता जैसी भार्य थी इनकी
कौशल्या जैसी थी माई
पिता का वचन निभाने को
राज पाट सब छोड़ दिया
वन गमन का लिया फैसला
चौदह वर्ष का वनवास लिया
विश्वामित्र संग वन में पहुंचे
सभी राक्षषों को मार दिया
ऋषि मुनियों की रक्षा की
भक्तों का उद्धार किया
जंगल में ही प्रभु राम को
हनुमत जैसा भक्त मिला
लंका जाकर आग लगा दी
ध्वस्त किया रावण का किला
नल और नील ने सेतु बनाया
वानर सेना को पार किया
पत्थर तैरे पानी पर
जब श्रीराम का नाम लिया
लंका पहुंचे हनुमत संग जब
रावण संग भयंकर युद्ध हुआ
पापियों से धरती मुक्त हुई
वातावरण सारा शुद्ध हुआ
बनवास काट कर वापिस पहुंचे
जानकी लक्ष्मण संग रघुराई
बेरौनक अयोध्या में जैसे मानों
चौदह वर्ष बाद रौनक छाई
राम की कृपा से ही होते हैं
इस जगत के सारे काम
मर्यादा पुरुषोत्तम तुमको
मेरा बारम्बार प्रणाम
रवीन्द्र कुमार शर्मा
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